Gud-Til Aur Garm Kapadon Ke Daan : सनातन धर्म दान करने की विशेष महिमा बताई गयी है। दान को बहुत पुनीत माना गया है। जीवन यात्रा के विभिन्न अवसरों पर दान करने का फल धार्मिक ग्रंथों वर्णित है। जीवन चर्या में प्रयोग होने वाली विभिन्न् प्रकार की वस्तुओं के दान करने का अलग अलग फल है। पौराणिक गंथों अनुसार, गुड़-तिल और गर्म कपड़ों के दान करने से यज्ञ करने जितना फल मिलता है। इसी प्रकार पौष महीने में तिल, गेहूं, गुड़, गर्म कपड़े, तांबे के बर्तन, जूते-चप्पल, कंबल और लाल चीजों का दान करना चाहिए।
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पौष को हिंदी कैलेंडर के अनुसार दसवां महीना माना जाता है, जिसे पूस के नाम से भी जाना जाता है। पूस महीने को पूजा-पाठ, जप-तप, दान आदि के लिए बेहद शुभ और फलदायी माना गया है।पौष माह में खरमास लगता है।इस दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं होंगे।पौष माह में प्रत्येक दिन भगवान सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। प्रात: स्नान के बाद सूर्य देव को जल में लाल फूल, लाल चंदन और अक्षत डालकर अर्पित करना चाहिए।
सूर्य देव को अर्घ्य के समय सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से कार्य, पद, प्रतिष्ठा आदि में सफलता एवं वृद्धि होती है। पौष माह में प्रत्येक रविवार को व्रत रखने से इसका विशेष फल मिलता है। इस व्रत में नमक का उपयोग न करें। मीठा भोजन करना चाहिए। इससे आप पर सूर्य देव प्रसन्न रहेंगे और कुंडली में उनका प्रभाव बढ़ेगा। जो आपके भाग्य में वृद्धि करने वाला होगा।