Himachal Weather : हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के आनी में बुधवार रात करीब 12 बजे से हुई लगातार भारी बारिश से जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। भारी बारिश के चलते आनी की खड्डों का जल स्तर बढ़ने से खड्ड उफान पर हो गई। इस वजह खड्ड किनारे के मकान खाली करवाए गए। वहीं, खदेड़ में भूस्खलन की चपेट में मकान आ गया है। इससे दो महिला की मौत हो गई है।
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हिमाचल प्रदेशः कुल्लू के आनी प्रखंड में भारी बारिश के कारण आई अचानक आई बाढ़ में एक ढांचा बह गया। देखें आनी बस स्टैंड से दृश्य।
(वीडियो स्रोतः आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) pic.twitter.com/MxYWn13ejV
— santosh singh (@SantoshGaharwar) August 11, 2022
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वहीं बस स्टैंड आनी में बने बरसों पुराने रेहड़ी फड़ी की करीब दस दुकानें ताश की पत्तों की तरह खड्ड में ढह गई। वहीं इसके अलावा आनी से छह किमी दूर गुगरा में देउठी में हुई भारी बारिश से तीन गाडियां और एक बाइक पानी की चपेट में बहने की सूचना है। भारी बारिश से प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और खड्ड किनारे से दूर जाने की एडवाइजरी जारी की है।
मंडी और कुल्लू जिले में बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कुल्लू जिले के आनी के शिल्ली में बादल फट गया जिससे खदेड़ में एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। मलबे में दबकर दो महिलाओं की मौत हो गई। प्रदेशभर में एक नेशनल हाईवे समेत 170 सड़कें अवरूद्ध हैं। 873 बिजली ट्रांसफार्मर ठप और 14 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित चल रही हैं। रामपुर बुशहर की इंदिरा मार्किट रामपुर में नाले में पानी आने से कई गाड़िया मलबे में दब गई हैं। मंडी- कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग पर 7 मील के पास तथा वाया कटौला मार्ग कमांद के पास पहाड़ से पत्थर गिरने के कारण बंद हो गया है। यहां जीप पर पत्थर गिरे हैं। घटना में किसी को कोई चोट नहीं आई है। समय रहते सब गाड़ियों से बाहर निकल गए। मंडी पठानकोट एनएच उरला के पास दो घंटे बंद रहा। भारी बारिश से सुंदरनगर की बीबीएमबी कॉलोनी जलमग्न हो गई है।
चांबी पंचायत के जंगम बाग में सुबह 4:30 बजे में निर्माणाधीन भवन का मलबा एक मकान पर गिरने से उसमें परिवार के 9 लोग फंस गए। 8 लोग किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे लेकिन एक महिला को बाहर निकालने के लिए प्रशासन को 4 जीसीबी मशीनें लगानी पड़ीं। मलबा हटा कर महिला को सुरक्षित निकाल लिया गया है। मंडी जालंधर वाया धर्मपुर नेशनल हाईवे लौंगनी के पास बंद है। ब्यास समेत सभी नदी-नाले उफान पर है। वहीं बीएसएल परियोजना की पुंघ टनल के पास सुबह नाले में मलबा गिरने से सारा पानी बीएसएल जलाशय की ओर आ गया जिससे पुंघ टनल का क्षेत्र झरने में बदल गया।
यहां पर साथ ही स्थित बीएसएल परियोजना की सुरक्षा गार्द की रिहायश में भी पानी तीन फीट तक भर गया। यहां रह रहे पुलिस कर्मियों को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। इसके साथ ही सटे कल्याण गो सदन में भी सुबह चार बजे निर्माणाधीन फोरलेन की तरफ से पानी आ घुसा। जिसके कारण गोसदन के शैडों में जहां मवेशी बांधे जाते हैं तीन-चार फीट पानी भर गया। किसी तरह से मवेशियों को बाहर निकालने का कार्य कर खुले शेड में पानी के बीच ही बांधना पड़ा। बारिश के कारण यहां पर लाखों रुपयों का चारा भी खराब हो गया है।