अमेठी। अमेठी लोकसभा सीट (Amethi Lok Sabha Seat) पर पार्टी प्रत्याशी केएल शर्मा के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए भावुक लहजे में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि ऐसा नहीं है कि मैंने अमेठी को छोड़ दिया है। मैं अमेठी का था, अमेठी का हूं और अमेठी का रहूंगा। यह रिश्ता एक दो सालों का नहीं है। हमेशा का है। कल को मैं रायबरेली का सांसद हो जाउंगा, लेकिन एक बात याद रखिएगा कि मैं जितना रायबरेली का हूंगा उतना ही अमेठी का हूंगा।
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बता दें कि अमेठी सीट (Amethi Seat) से 2019 का चुनाव हारने के बाद बाद पहली बार राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अमेठी के लोगों से अपने रिश्तों पर बात की है। अमेठी में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मैं 12 साल का था तब से यहां आ रहा हूं। मैंने अमेठी का वह समय देखा जब यहां बंजर खेत होते थे। टूटी हुई सड़कें होती थीं। मैंने अपनी आंखों से अमेठी को बदलते हुए देखा है। उन्होंने कहा कि जब मैं अपने पिता के साथ यहां आता था। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि राजनीति में मैंने जो कुछ भी सीखा वह अमेठी से ही सीखा है। कुछ महीने पहले जब राहुल भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) में अमेठी से गुजरे थे तब उन्होंने अपने और अमेठी के रिश्ते पर एक शब्द बात नहीं की थी।
LIVE: Shri @RahulGandhi and Shri @yadavakhilesh address the public in Amethi, Uttar Pradesh. https://t.co/LEy6q1bruU
— Congress (@INCIndia) May 17, 2024
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रायबरेली में जो भी विकास योजनाएं आएंगी वह सारी की सारी अमेठी में आएंगी। अमेठी में आपके सांसद केएल शर्मा जरूर होंगे, लेकिन मैं भी आपका सांसद हूंगा। रायबरेली में यदि दस रुपए आते हैं तो यकीन मानिए कि अमेठी में भी दस रुपए आएंगे।
केएल शर्मा ने आपके लिए किया त्याग
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि केएल शर्मा आपके प्रत्याशी हैं। इनको आप संसद में भेजिए। ये आपके मुद्दे उठाएंगे। केएल शर्मा में जरा भी अहंकार नहीं है। उन्होंने कि राजीव गांधी जब यहां सक्रिय हुए तो उन्होंने नेताओं की एक टीम बनाई। उस टीम की बहुत सारे लोग सरकार और संगठन के बड़े-बड़े पदों पर चले गए लेकिन शर्मा आपके बीच रह गए। उन्होंने चालीस साल तक आपके साथ संबंध बनाए रखा। आप इनके हाथों को मजबूत कीजिए।
इन सबके बीच शुक्रवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अमेठी से अपने रिश्तों को लेकर खुलकर बोले। कहा कि अमेठी पहली बार वह 42 साल पहले आए थे। उस वक्त वह 12 साल के बच्चे थे। पिता राजीव गांधी के साथ आया था। कहा कि जो भी राजनीति में मैंने सीखा है, वह अमेठी की जनता ने मुझे सिखाया है। 12 साल की उम्र में आया था, उस समय यहां पर सड़कें नहीं थी, ऊसर जमीन थी कोई विकास नहीं था। कहा कि अमेठी का मेरे पिता से जो रिश्ता था, मोहब्बत थी। वह मैंने अपने आंखों से देखा था, वहीं मेरी भी राजनीति है।