प्रयागराज। कोरोना महामारी की दूसरी लहर अब यूपी में खतरनाक होती जा रही है। इसको लेकर इलाहाबाद कोर्ट ने कहा है कि सड़क पर कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के दिखाई न दे। अन्यथा यूपी पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाएगी। कोविड़ 19 की गाइडलाइन की सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। कोरोना मामले को लेकर स्वत: कायम जनहित याचिका की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है।
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कोर्ट ने कहा कि सामाजिक धार्मिक आयोजनों में 50 आदमी से अधिक न इकट्ठा हों। सरकार ट्रैकिंग, टेस्टिंग, व ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाए। शहरों में खुले मैदान लेकर वहां अस्थायी अस्पताल बनाकर कोरोना पीड़ितों के इलाज की व्यवस्था करें। जरूरी हो तो संविदा पर स्टाफ तैनात किया जाए।
पचास प्रतिशत एंबुलेंस कोविड 19 के लिये आरक्षित कर दिये गये हैं । सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए समुचित व्यवस्था करने के साथ-साथ निरन्तर बढ़ोत्तरी भी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने सबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आरटीपीसीआर के टेस्ट 90 हजार से बढ़ाकर 1.50 लाख टेस्ट प्रतिदिन किये जाये। सरकार की लैब का पूरी क्षमता के साथ उपयोग किया जाये।
लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर व वाराणसी में कोविड संक्रमण को देखते हुए बेडों की संख्या को बढ़ाने के निर्देश दिये गये। जिसकी प्रक्रिया चल रही है। कोविड संक्रमण को देखते हुए सभी को सावधान व सर्तक रहने की आवश्यकता है।
श्री सहगल ने कहा कि संक्रमण के दृष्टिगत टेस्ट अधिक से अधिक किये जा रहे हैं । सर्विलांस का नया प्रयोग कर प्रत्येक परिवार तक पहुंच कोविड संक्रमण की जानकारी ली जा रही है। इस अभियान के तहत 15.58 करोड़ लोगों से संक्रमण की जानकारी ली गयी है तथा 3.71 करोड़ कोविड-19 के टेस्ट किये गये है।
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इतनी बड़ी संख्या में टेस्ट पूरे देश के किसी राज्य में नहीं हुए है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी नगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों मे विशेष सफाई व सैनेटाइजेशन अभियान चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों के प्रभारी मंत्रियों से कहा है कि वे जिलाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते रहे। उन्होने कहा कि चैथे एवं पांचवे समेस्टर की एमबीबीएस की परीक्षा निरस्त करते हुए उन छात्राओं को कोविड अस्पतालों में लगाया जा रहा है। इसके अलावा जिला स्तर पर निजी संस्थान की एम्बुलेस को जिला प्रशासन द्वारा आवश्यकतानुसार अधिकृत किया जा सकता है। सभी औद्योगिक संस्थानों में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने के लिए कहा गया है। जिससे इन संस्थानों में आने वाले कर्मचारियों का शारीरिक तापमान नापते हुए कोविड संक्रमण को नियंत्रण रखा जा सके।