लखनऊ। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को बिकरू कांड में पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने की मांग को लेकर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पत्र लिखा है। श्री सिंह ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि कानपुर जिले में हुए बिकरु कांड में नाबालिग खुशी दुबे,क्षमा दुबे, शांति दुबे, रेखा अग्निहोत्री व उसके 2.5 साल के मासूम बेटे को विधि विरुद्ध 10 महीनों से जेल में रखा गया है। जबकि शुरुआती FIR में कोई भी इसमें नामजद नहीं है।
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संजय सिंह ने बताया कि बिकरु काण्ड में अमर दुबे का एकाउंटर हुआ था। हालांकि तीन दिन पहले खुशी दुबे से उसकी शादी हुई थी, पुलिस के रिकॉर्ड में खुशी दुबे के विरुद्ध पहले से कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था, खुशी दुबे नाबालिग है, उसकी गिरफ्तारी के बाद जब मीडिया में मामले ने तूल पकड़ा तो कानपुर के तत्कालीन एम.एस.पी. दिनेश कुमार ने 12 जुलाई 2020 को मीडिया में बयान दिया की खुशी दुबे निर्दोष है। उसको जल्द रिहा कर दिया जाएगा। इसके बावजूद पिछले 10 महीने से खुशी दुबे जेल में है। कई बार उसे अति गंभीर हालत में बाराबंकी व लखनऊ के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, उसको खून की उल्टियां हुई है।
इन घटनाओं से परिवार के लोग डरे और सहमे हए है और उन्हें अपनी बेटी के जीवन की चिंता है कि कहीं जेल में उसके साथ कोई अनहोनी न हो जाए। उसका जीवन न चला जाए। श्री सिंह ने कहा कि इस मामले में सबसे बड़ा सवाल है कि जब स्वयं तत्कालीन एसएसपी मान चुके हैं की खुशी दुबे निर्दोष है तो उसे किस आधार पर उसे जेल में रखकर जेल में 10 महीने से यातनाएं दी जा रही हैं ?
राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि पिछले 10 महीने से अमर दुबे की मां क्षमा दुबे को भी जेल में रखा गया है। इस मामले में भी पुलिस प्रशासन और सरकार यह बताने में नाकाम है कि अमर दुबे की माँ क्षमा दुबे क्यों जेल में बंद है? उनका बिकरू काण्ड से क्या लेना देना ?
श्री सिंह ने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार रेखा अग्निहोत्री विकास दुबे के घर में काम करने वाली वह महिला है, जिसके 2 बच्चों, 7 साल की बेटी व 2.5 साल के बेटे के साथ, जेल में रखा गया है। रेखा अग्निहोत्री के विरुद्ध भी पुलिस कोई ठोस प्रमाण या साक्ष्य देने में नाकाम रही है। किसी के घर में काम करने वाली 2 बच्चों की मां अपराधी कैसे हो सकती है। इसका कोई जवाब न तो सरकार के पास है और न ही प्रशासन के
पास।
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संजय सिंह ने कहा कि शान्ति दुबे भी पिछले 10 महीनों से जेल में हैं, हीरु दुबे को बिकरु काण्ड में अभियुक्त बनाया गया है, हीरु दुबे की मां को किस अपराध में , किस आधार पर जेल में रखा गया है ? इस सम्बन्ध में पुलिस प्रशासन कोई ठोस प्रमाण नहीं दे पाया है।
श्री सिंह ने उल्लेख किया है कि राज्यपाल महोदय उपरोक्त मामलों से यह साफ तौर पर जाहिर हो रहा है की उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ की सरकार प्रतिशोध दुर्भावना और नफरत के आधार पर काम कर रही है। इसको लेकर लोगों के मन में भारी कष्ट और रोष है, विशेष तौर से महिलाओं के साथ ऐसा किया जा रहा है।