नई दिल्ली: टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली बीते कुछ दिनो से डिप्रेशन के शिकार चल रहें हैं। इस बात की जानकारी विराट ने खुद अपने फैंस को दी है। एक इंटरव्यू के दौरान विराट ने इस बारे में खुल कर बात करते हुए कहा कि और इस बात का खुलासा किया। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का कहना है कि वह क्रिकेट में मानसिक स्वास्थ्य पर भी जागरुकता बढ़ते देखना चाहते हैं।
पढ़ें :- IND vs AUS: विराट कोहली के शतक के साथ भारत ने घोषित की पारी, ऑस्ट्रेलिया को दिया 534 रन का लक्ष्य
आपको बता दें, रन मशीन के नाम से विख्यात कोहली ने कहा कि वह 2014 में इंग्लैंड में भारत की टेस्ट श्रृंखला के बाद वह डिप्ररेशन से गुजरे थे, जो खिलाड़ी इस दौर से गुजरते हैं उन्हें विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है। विराट कोहली ने क्रिकेट कमेंटेटर मार्क निकोलस से चर्चा में कहा कि व्यक्तिगत तौर पर कहूं तो यह ऐसा होता है कि आप बहुत से लोगों के बीच भी खुद को अकेला महसूस करते हैं।
विराट ने ये भी कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि मेरे पास बात करने को लोग नहीं थे, किन्तु कोई ऐसा विशेषज्ञ नहीं था जो यह समझ सके कि मैं किस स्थिति से गुजर रहा हूं। मेरे ख्याल से यह बहुत बड़ा फैक्टर है। मैं इसमें कुछ बदलाव देखना चाहूंगा। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कहा कि खिलाड़ी अक्सर खराब फॉर्म से गुजरने के बाद बाहर हो जाते हैं, किन्तु यह खराब मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित लोगों के लिए समाधान नहीं है।
विराट कोहली ने कहा कि कई लोगों को काफी समय तक इससे जूझना पड़ता है। कई बार एक महीने या पूरे क्रिकेट सत्र तक यह जारी रहता है। कई लोग इससे नहीं उभर पाते हैं। उन्होंने कहा कि उस समय उस इंसान की स्थिति काफी गंभीर होती है मेरा मानना है कि ऐसे में विशेषज्ञ की मदद की आवश्यकता होती है। यदि ऐसा नहीं होता है तो लोगों को इससे अपने हिसाब से लड़ना होता है।