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Indigo Crisis : राहुल गांधी की बातों पर सरकार ने गौर किया होता तो हवाई यात्रा करने वालों को इतनी तकलीफें न उठानी पड़ती

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। आज से करीब एक साल पहले 6 नवम्बर, 2024 को लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इंडियन एक्सप्रेस (Indian Express) एक आर्टिकल लिखा था। तब अगर सरकार ने उनकी बातों पर गौर किया होता तो आज इंडियो एयरलाइंस (Indigo Airlines)  की बदइंतजामी की वजह से देश के लोगों को हवाई यात्रा में इतनी तकलीफें उठानी नहीं पड़ती, लेकिन तब राहुल की दूरदर्शिता को नजरअंदाज कर दिया गया, जिसका नतीजा जनता भुगत रही है।

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इंडियो एयरलाइंस (Indigo Airlines) के पास आज हवाई उड़ान क्षेत्र में भारत में 65.6 फीसदी की हिस्सेदारी है यानी कि भारत में हवाई यात्रा करने वाले प्रत्येक 10 यात्रियों में से 6 से अधिक यात्री इंडिगो की उड़ानों का उपयोग करते हैं। राहुल गांधी ने इसी मोनोपली के दुष्परिणामों को लेकर सरकार को चेताया था। राहुल ने लिखा था Match-fixing monopoly vs fairplay business – time to choose freedom over fear। राहुल गांधी ने भारत की अर्थव्यवस्था पर कुछ चुनिंदा बड़े व्यवसायों के बढ़ते कब्ज़ा और एकाधिकार Monopoly पर चिंता व्यक्त की थी। उनका कहना था कि आर्थिक एकाधिकार अंततः लोकतंत्र को कमजोर करता है क्योंकि धन और शक्ति का केंद्रीकरण कुछ ही हाथों में सिमट कर रह जाता है। इसलिए उन्होंने “freedom over fear” की बात की थी।

आज 400 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल, 4 दिन में 2000+ उड़ानें रद्द, 3 लाख यात्री परेशान हैं। जिस पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  ने कहा कि इंडिगो का यह fiasco इस सरकार के मोनोपॉली मॉडल (Monopoly Model) की कीमत है। एक बार फिर, आम भारतीयों को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। देरी, कैंसलेशन और लाचारी के रूप में। भारत हर सेक्टर में सही कॉम्पिटिशन का हकदार है, न कि मैच फिक्सिंग वाली मोनोपॉली का।

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