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Tulsi Puja: तुलसी पूजन करते समय कुछ नियमों की पालन करना है जरूरी, घर में खुशहाली आती है

By अनूप कुमार 
Updated Date

Tulsi Puja: कार्तिक माह बहुत ही पुनीत है। इस माह में जहां पवित्र नदियों स्नान का अत्यधिक महत्त्व है वहीं कार्तिक मास में तुलसी पूजा का बहुत महत्व बताया गया है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, तुलसी में भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी का वास होता है। भारत के हर घर में तुलसी का पौधा लगाया जाता है और विधि विधान से उसका पूजन किया जाता है। ​प्रचीन धर्म ग्रंथों में तुलसी की जो महिमा बतायी गई उसके अनुसार, तुलसी पूजन घर में खुशहाली लाता है व धन-धान्य की कमी को दूर करता है।

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तुलसी पूजन करते समय कुछ नियमों की पालना करना जरूरी हैं। इनकी अनदेखी आपके लिए घातक साबित हो सकती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको तुलसी पूजन की विधि और इसके नियमों से अवगत कराने जा रहे हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में।

तुलसी पूजन नियम
-अगर आपके घर में तुलसी का पौधा है तो हर शाम तुलसी पर दीपक जरूर जलाएं।

-रविवार के दिन पौधे को न तो पानी देना चाहिए और ना ही दीप जलाना चाहिए।

-यदि आप संध्याकाल में पूजन कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी को दूर से ही प्रणाम करें, भूलकर भी शाम को तुलसी के पौधे को स्पर्श नहीं करना चाहिए।

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– अक्सर हम लोग तुलसी में जब दीपक जलाते हैं तो आसन नहीं देते हैं लेकिन तुलसी में दीपक जलाते समय अक्षत (चावल) का आसन देना चाहिए।

– मान्यता के अनुसार महिलाओं को तुलसी पूजन करते समय बालों को खुला नहीं रखना चाहिए, अन्य पूजा अनुष्ठानों की तरह तुलसी पूजा करते समय भी बालों को बांधकर रखना चाहिए।

–तुलसी का पौधा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. इसे एक कोने में ही लगाएं। तुलसी को कभी की छत पर नहीं रखना चाहिए।

– तुलसी घर के सारे वास्तुदोषों को खत्म कर देती है, ऐसे में तुलसी को ऐसी जगह पर लगाएं जहां वास्तु दोष हो।

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