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जीतन राम मांझी बोले- राम से ज्यादा कर्मठ रावण था, पर ये सब काल्पनिक हैं, इसके इतर करनी चाहिए गरीबी मिटाने की बात

By संतोष सिंह 
Updated Date

पटना। अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने राम और रामायण को काल्पनिक करार दिया है। मांझी ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि यह लोग राम की बात करते हैं या रावण की बात करते हैं, तो सबको हम कल्पनिक मानते हैं। कल्पना के आधार पर मानते हैं। यह उचित तो नहीं है। गरीब की बात करनी चाहिए। गरीबी मिटाने की बात करनी चाहिए। अगर कहानी की बात ही कही जाए तो राम से ज्यादा कर्मठ रावण था। लेकिन, यह सब काल्पनिक है। इन सब को हम लोग नहीं मानते हैं।

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जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि राम से ज्यादा कर्मकांडी रावण था। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस (Ramcharit Manas) बहुत अच्छी किताब है। इसमें बहुत सारी अच्छी बातें लिखी हैं। लेकिन मनुवादी व्यवस्था वाले लोगों ने इसमें राम का गुणगान की। उन्होंने अंबेडकर और लोहिया की बातों को आधार बनाते हुए कहा कि इस ग्रंथ में बहुत सारा कचरा है,जिसे साफ करने की जरूरत है।

इससे पहले भी जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) लगातार हिंदू आस्था को आहत करने का प्रयास कर रहे हैं। राम चरित मानस  (Ramcharit Manas) और हनुमान पर लगातार विवादित बयान देने के बाद शुक्रवार को उन्होंने फिर से बड़ी बात कह दी। विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने एक बार फिर से रामचरितमानस (Ramcharit Manas) को काल्पनिक बताकर हिंदू बहुसंख्यक समाज (Hindu majority society) को आहत करने का प्रयास किया। उन्होंने राम और रावण दोनों को काल्पनिक बताया हैं। लेकिन इस काल्पनिक ग्रंथ में भी राम से रावण को श्रेष्ठ बताया है।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि राहुल सांकृत्यायन (Rahul Sankrityayan) ने भी कहा कि राम काल्पनिक हैं। लोकमान्य तिलक (Lokmanya Tilak) ने भी कहा कि राम काल्पनिक हैं। डिस्कवरी ऑफ इंडिया (Discovery of India) ने भी राम को काल्पनिक बताया। जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने दलित पिछड़ा और अति पिछड़ा कार्ड खेलते हुए कहा कि ये लोग ब्राह्मण थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी बात कहते हुए आगे कहा कि उनकी बातों को इसलिए तूल दिया जा रहा है क्योंकि वे पिछड़े समाज से आते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दलित होने की वजह से ही उनकी बातों को दबाया जा रहा है। जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने अपनी बात कहते हुए कहा कि रामचरित मानस (Ramcharit Manas) को बहुत सारे लोगों ने काल्पनिक बताया है।

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