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‘अयोध्या धाम, ओरछा धाम, काशी धाम की यर्थाथ गाथा’ का न्यायमूर्ति डीपी सिंह ने किया विमोचन, लेखक डॉ. मुरलीधर सिंह की संरचना को सराहा

By संतोष सिंह 
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लखनऊ/अयोध्या । यूपी सरकार के उप निदेशक सूचना अयोध्या मण्डल व मीडिया सेन्टर लोकभवन के प्रभारी  डॉ. मुरली धर सिंह शास्त्री ने अपने अयोध्या की सेवाकाल में भगवान श्रीरामलला व हनुमान जी की प्रेरणा से एक पुस्तक लिखी है। जिसका विमोचन/लोकापर्ण मंगलवार को ‘सत्याश्रम’ कैम्प आफिस देवालय गोमती नगर अयोध्याधाम लखनऊ में न्यायमूर्ति डीपी सिंह ने किया। इस पुस्तक का नाम ‘अयोध्या धाम, ओरछा धाम, काशी धाम की यथार्थ गाथा’ रखा गया है। इस पुस्तक में कुल 346 पृष्ठ है। इस पुस्तक में संदेश देने वालों में काश्मीर के पूर्व महाराजा डॉ. कर्ण सिंह, न्यायमूर्ति स्वयं व अनेक साधु महात्मा के विचार तथा उनके भाषण शामिल किए गए हैं। इस पुस्तक को 5 खण्ड में बनाया गया है। प्रथम खण्ड अयोध्या धाम खण्ड है, जिसमें 125 पृष्ठ हैं। इसमें अयोध्या के श्रीराम मंदिर के संघर्ष में योगदान देने वाले लगभग 55 महापुरूषों के नाम तथा रामलला मंदिर के निर्माण में योगदान देने वाले लगभग 11 न्यायमूर्तियों का उल्लेख है। इसी प्रकार इस मंदिर में अपेक्षात्मक सहयोग करने वाले 21 अधिकारियों के नाम हैं, इसके अलावा राम मंदिर के निर्माण में अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले अनेक राम भक्तों का उल्लेख साथ ही इस मंदिर के निर्माण में तथा इस मंदिर से जुड़ी घटना के जुड़े हुये अनेक व्यक्तियों का नाम है, जिन्होंने पूर्व मंदिर से तोड़ने से लेकर बनाने में योगदान दिया।

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पुस्तक के द्वितीय खण्ड ओरछा धाम का है, जिसमें अयोध्या ओरछा सम्बंधों के साथ-साथ कनक भवन के निर्माण में गणेशी कुंवर तथा वृषभान कुंवर का भरी उल्लेख किया गया है। इसमें बुन्देला राजाओं के भी पराक्रम का भी उल्लेख किया गया है। इसका पृष्ठ लगभग 41 है। तृतीय खण्ड काशी धाम खण्ड है जिसमें भगवान शंकर की प्यारी नगरी काशी धाम गलियारा के निर्माण का उल्लेख तथा काशी के प्रारम्भिक काल की घटनाओं से लेकर वर्तमान तक की घटनाओं को समाहित किया गया है। इसका पृष्ठ लगभग 55 है। इसके अगले खण्ड 4 में भक्ति छंद खण्ड है इसमें साधकों के साधना के लिए धर्म पदों का अयोध्या में प्रचलित आरतियों का उल्लेख किया गया है। इसमें 52 पृष्ठ है। खण्ड-5 सेवा-समाजिक एवं प्रशासनिक खण्ड जो मुख्य रूप से आम जनमानस को समर्पित है इसमें केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार के मंत्रिमण्डल तथा मण्डल जनपदों के वरिष्ठ अधिकारियों का उल्लेख किया गया है। इस खण्ड में 44 पृष्ठ है।

पुस्तक के लोकार्पण के अवसर पर न्यायमूर्ति डीपी सिंह ने कहा कि आज भारत के वीर महापुरुष महाराणा प्रताप की जयंती व नोबेल पुरस्कार विजेता गुरु रविंद्र नाथ टैगोर की जयंती है। इस पुस्तक का विमोचन करते हुए मुझे अपार हर्ष हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक लगभग 50 वर्षों तक नई पीढ़ी को दिशा प्रदान करेगी। अयोध्या के श्रीराम लला मंदिर का निर्णय 09 नवम्बर 2019 को मुख्य न्यायमूर्ति रंजन गोगोई व अन्य न्यायमूर्ति द्वारा फैसला दिये जाने के बाद प्रथम बार किसी प्रथम श्रेणी के शासकीय अधिकारी द्वारा पुस्तक का लेखन किया गया है। मेरा लेखक डॉ. मुरली धर सिंह शास्त्री से इनका लगभग विगत 21 वर्षों से संपर्क है। यह उच्च कोटि के विद्वान, विधि व प्रेस मामलों के जानकार अधिकारी हैं। विगत 5 वर्षों से अयोध्या के पल-पल की घटनाओं पर नजर रखे हुए हैं। इस पुस्तक के लेखन के लिए उन्होंने बहुत मेहनत किया है, जो नई पीढ़ी एवं भगवान श्री राम के भक्तों द्वारा याद रखी जाएगी।

‘अयोध्या धाम, ओरछा धाम, काशी धाम की यथार्थ गाथा’ नामक पुस्तक में देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, वीपी सिंह, चंद्रशेखर, पीवी नरसिम्हा राव, अटल बिहारी बाजपेई आदि, पूर्व मुख्यमंत्री में वीर बहादुर सिंह, नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव, कल्याण सिंह, उमा भारती, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, भाजपा के तत्कालीन शीर्ष नेता लाल कृष्ण अडवानी व उनकी पुत्री प्रतिभा अडवानी आदि का जिक्र किया गया है। इसके अलावा न्यायमूर्ति गणों में डीपी सिंह,माथुर, बृजेश कुमार, हैदर अब्बास रजा, देवकीनंदन, एचएन तिलहरि आदि के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारियों में नृपेंद्र मिश्र, अवनीश अवस्थी, डॉ. नवनीत सहगल, डॉ. संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर का भी उल्लेख किया गया है। पत्रकारों में राजनाथ सिंह सूर्य, शीतला सिंह, महेन्द्र त्रिपाठी, हेमंत तिवारी, सुरेश बहादुर सिंह, सिद्धार्थ कलहर, सुरेंद्र अग्निहोत्री, तेज बहादुर सिंह, राजेश मिश्रा आदि लगभग 100 से ज्यादा पत्रकारों का उल्लेख है।

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अयोध्या के प्रमुख संतों में परमपूज्य महंत अभिराम दास , परमहंस रामकृष्ण , भास्कर दास , बाबा राघव दास , नृत्य गोपाल दास , नानाजी देशमुख, देवराहा बाबा , कल्पत्री जी, महंत दिग्विजय नाथ, महंत स्वामी परमानंद आदि लगभग तीन दर्जन से ज्यादा संत महात्माओं का उल्लेख है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में बाला साहब देवरस, प्रो. राजेंद्र सिंह , सुदर्शन, मोहन भागवत , श्री राम जन्म भूमि के प्रमुख योद्धा डॉ अशोक सिंघल , विष्णुहरि डालमिया , हनुमान प्रसाद आदि महानुभवों का उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही इस पुस्तक में लगभग 16 कलर पृष्ठ है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र दमोदर दास मोदी की डॉ मुरली मनोहर जोशी के साथ सन् 1989 की फोटो, कल्याण सिंह का सन् 1989 का फोटो, प्रधानमंत्री व यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का श्रीराम लला दर्शन आदि की फोटो का प्रदर्शन किया गया है।

‘अयोध्या धाम, ओरछा धाम, काशी धाम की यथार्थ गाथा’ पुस्तक में 27 अप्रैल 2023 के संदेश में काश्मीर के पूर्व राजा डॉ. कर्ण सिंह द्वारा कहा गया है कि ‘अयोध्या अनन्त काल से करोड़ों व्यक्तियों के लिए एक पवित्र व अविस्मरणीय स्थान रहा है, जहां भगवान श्रीराम तथा उनके भाईयों का जन्म हुआ। लंबी जद्दोजहद के बाद अब एक महान मंदिर का निर्माण हो रहा है। अयोध्या के लम्बे इतिहास पर डॉ. मुरलीधर सिंह ने प्रशंसकीय शोध के बाद यह पुस्तक लिखी है जो पाठकों के लिए अवश्य प्रेरणादायक होगी। स्वयं रघुवंशी होने के नाते मैं उनको इस कार्य के लिए हार्दिक बधाई एवं आर्शीवाद देता हूं।

न्यायमूर्ति डीपी सिंह ने इस पुस्तक के संदेश 29 अप्रैल 2023 में कहा है कि हे मनुष्यो! तुम अध्यापक और उपदेशकों को सदा सत्कार से बुलाकर उनका सत्कार कर विद्या और सत्योपदेश को संसार के बीच विस्तारों हे अध्यापक और उपदेशको! तुम प्रयत्न से माता और पिता के समान मनुष्यों को उत्तम शिक्षा देकर विद्वान सर्वोपकार करने वालों को सिद्द्ध करो। एक व्यक्ति विद्वान् या विशेषज्ञ बनने में अपना पूरा जीवन लगा देता है और उस अर्जित ज्ञान से राष्ट्र की भलाई हेतु चिंतन कर समाज का मार्गदर्शन करता है उसके द्वारा दी गयी सलाह मानव समाज को उच्चतम स्तर की ओर ले जाती है। अतः ऐसे व्यक्ति का सम्मान करना, उसे उपयुक्त आसन देना समाज का ही नही राष्ट्र का भी कर्तव्य भारतीय सभ्यता में माना जाता रहा है ऐसे विद्वानों की देन वेद और उपनिषद है, जो ऋषि ही नही राजा भी थे। डॉ. मुरलीधर सिंह उच्च शासकीय पद पर रहते हुये इस ग्रन्थ की जिस कुशलता के साथ संरचना की और समाज को विभिन्न आलेखों द्वारा ज्ञान की गंगा से ओत प्रोत किया, वे बधाई के पात्र है। यह पुस्तक उनके व्यक्तित्व के छिपे पहलू को प्रकट करता है। मुझे आशा है कि उनकी लेखनी आगे भी समाज का मार्गदर्शन करती रहेगी। उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामना के साथ इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए बधाई देता हूं।-न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह

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‘अयोध्या धाम, ओरछा धाम, काशी धाम की यथार्थ गाथा’ पुस्तक के लोकापर्ण/विमोचन के समय न्यायमूर्ति डीपी सिंह के अलावा उनके पारिवारिक सदस्य, अधिवक्तागण व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। न्यायमूर्ति डीपी सिंह के सुझाव पर इस पुस्तक का विशाल विमोचन कार्यक्रम अयोध्या में आगामी 23 मई 2023 ज्येष्ठ मास के तृतीय मंगलवार श्री हनुमान जी, श्री रामलला के आर्शीवाद से किया जायेगा। इसमें अनेक न्यायमूर्ति गण, अधिकारी गण, श्रीरामलला न्यास से जुड़े हुये अनेक सम्मानित गण एवं हमारे अयोध्या व लखनऊ के पत्रकार शामिल होंगे। इस अवसर पर विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जायेगा। इस पुस्तक की सहयोग राशि 511 रुपये रखी गयी है। इसके लेखक डॉ. मुरली धर सिंह शास्त्री उप निदेशक सूचना/प्रभारी मुख्यमंत्री मीडिया सेन्टर लोकभवन लखनऊ है।

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