kaartik maas 2021: हिंदू पचांग का आठवां महीना कार्तिक मास (Kartik Maas) सबसे पवित्र माना जाता है। आज से कार्तिक मास की शुरुआत हो रही है, जिसका समापन 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के साथ होगा। पुराणों के अनुसार, कार्तिक मास की महिमा बहुत ज्यादा बताई गई है। कार्तिक मास को भगवान भगवान विष्णु एवं विष्णु तीर्थ के समान ही कल्याणकारी माना गया है। इस मास को रोगनाशक मास कहा जाता है, जबकि वहीं सद्बुद्धि प्राप्त करने वाला, लक्ष्मी प्राप्त कराने वाला, मुक्ति प्राप्त कराने वाला मास भी कहा जाता है। कार्तिक में एक मास तक तुलसी के सामने दीपदान करने की परंपरा प्रचीन काल से चली आ रही है।
पढ़ें :- Masik Shivratri 2024 : मार्गशीर्ष माह की मासिक शिवरात्रि इस दिन पड़ेगी, जानें डेट और पूजा मुहूर्त
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है तो वहीं विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ (Vishnu Sahastranaam Path) करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है
सनातन परंपरा में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना गया है। जिसकी पूजा वैसे तो हम सभी पूरे साल करते हैं, लेकिन कार्तिक मास में इसकी आराधना का विशेष महत्व है। आयुर्वेद में तुलसी को रोगहर कहा गया है और दूसरी ओर यह तुलसी यमदूतों के भय से मुक्ति प्रदान करती है। कार्तिक मास में एक मास तक तुलसी के सामने दीपदान करने पर अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। दीपदान शरद पूर्णिमा से प्रारंभ होकर कार्तिक पूर्णिमा प्रतिदिन किया जाता है। मान्यता है कि दीपदान से सिर्फ घर का ही नहीं जीवन का अंधेरा भी दूर होता है और माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर साधक के घर को धन-धान्य से भर देती हैं।