Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. Kanpur Fire Case: मां-बेटी की मौत के साथ परिवार के ‘अरमानों’ का भी हुआ कत्ल, डोली नहीं अर्थी को देना पड़ा कंधा

Kanpur Fire Case: मां-बेटी की मौत के साथ परिवार के ‘अरमानों’ का भी हुआ कत्ल, डोली नहीं अर्थी को देना पड़ा कंधा

By शिव मौर्या 
Updated Date

Kanpur Fire Case: घर छोटा था लेकिन सपने बड़े थे। नेहा के हाथ पीले करने की तैयारी चल रही थी। इसको लेकर परिवार ने तमाम सपने भी संजोए थे। मां भी बेटी की शादी के लिए हर जतन कर रहीं थीं। रिश्ते की बात भी लगभग तय थी। कुछ दिनों बाद बेटी नेहा ही धूमधाम से शादी करने की तैयारी थी और फिर उसे डोली में विदा करने का ख्वाब भी था।

पढ़ें :- भाजपा का गांव चलो अभियान: प्रियंका मौर्य ने चौपाल लगाकर स्थानीय लोगों से किया संवाद, जनकल्याणरी योजनाओं के बारे में बताया

हालांकि, नेहा के घर के साथ उसके परिवार के सपनों को भी क्रूर अफसरों ने बुलडोजर के नीचे रौंद दिया। किसी को क्या पता था कि जिस बेटी की विदाई के लिए तमाम सपने देखे जा रहे हैं उसकी अर्थी के साथ ही मां की भी अर्थी उठेगी। यही नहीं अपने ​नात—रितेश्दार भी इनकी अर्थी को कांधा नहीं दे पाए। पुलिस और प्रशासन की जल्दीबाजी में ही आनन—फानन में शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

दोनों शवों के अंतिम संस्कार के साथ ही कई सवाल इस क्रू सिस्टम पर खड़े हो गए? साथ ही मां—बेटी के जिंदा जलने के साथ ही उस परिवार के तमाम सपनों को भी बुलडोजर से जमींदोज कर दिया। बता दें कि, कानपुर देहात में मैथा तहसील की मड़ौली ग्राम पंचायत के चालहा गांव निवासी कृष्ण गोपाल बेटी नेहा के हाथ इसी साल पीले करने की तैयारी में थे।

शायद होनी को कुछ और ही मंजूर था। प्रशासन की ओर से कब्जा हटाने की कार्रवाई के दौरान छप्पर में आग लगने से नेहा व उसकी मां प्रमिला की जलकर मौत हो गई। वहीं, घटना के बाद से नेहा का भाई शिवम बार बार अपनी हाथ देख रहा था। रोते हुए शिवम ने कहा कि अब उसको कौन राखी बांधेगा।

 

पढ़ें :- 2027 में जिनकी सत्ता का सूरज अस्त होनेवाला है वो उप्र में सौर्य ऊर्जा का झूठा वादा कर रहे : अखिलेश यादव
Advertisement