Kanpur Violence : बीते शुक्रवार को कानपुर में विरोध प्रदर्शन के नाम पर बड़ा बवाल हुआ है। इस मामले में यूपी पुलिस (UP Police) को बड़ा सुबूत हाथ लगा है। पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से संबंधित चार संस्थाओं के तमाम दस्तावेज बवाल के साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी के पास से पुलिस ने बरामद किए हैं।
पढ़ें :- यह जीत केवल भाजपा गठबंधन की नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जनता के अटूट भरोसे और विश्वास की है ऐतिहासिक जीत : केशव मौर्य
ये वो संस्थाएं हैं, जिनको पीएफआई फंडिंग (PFI Funding) करता रहा है। कई जांच एजेंसियों की तफ्तीश में साबित हो चुका है। ऐसे में आशंका बढ़ गई है कि शायद साजिशकर्ता पीएफआई व उनसे जुड़ी संस्थाओं के लोगों से सीधे संपर्क में था। आगे की जांच में इसकी परतें खुलेंगी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi) के पास संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। जिन चार संस्था के दस्तावेज मिले हैं उसमें एआईआईसी, आरआईएफ, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया( SDPI), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) शामिल हैं। सभी दस्तावेज फंडिंग से संबंधित हैं। जिसमें ये जानकारी है कि किस तरह से फंडिंग होती है और उसको किस तरह से बांटना है। मालूम हो कि पीएफआई (PFI) का सीएए (CAA) में नाम आया था।
संगठन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई भी की गई थी। मणिपुर, त्रिपुरा, हैदराबाद, बंगाल में ये संस्थाएं सक्रिय हैं। कई जांच एजेंसियों की तफ्तीश में सामने आ चुका है कि पीएफआई इन चारों संस्थाओं को फंडिंग करती है।
व्हाट्सएप ग्रुप ने हयात को कर दिया बेनकाब
पढ़ें :- धांधली से चुनाव जीतनेवाले भाजपाई आज आंख मिलाकर नहीं देख पा रहे यही इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी जीत: अखिलेश यादव
पुलिस सूत्रों के मुताबिक हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi) समेत अन्य मुख्य साजिशकर्ता के मोबाइल से महत्वपूर्ण डाटा मिला है। एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन (MMA Johar Fans Association) के व्हाट्सएप ग्रुप पर बवाल के साक्ष्य हैं। ग्रुप में बड़ी संख्या में लोग जुड़े हैं।
सूत्रों ने बताया कि एक तरफ जफर हाशमी तीन जून की बाजार बंदी को रद्द करने का दावा कर रहा था लेकिन दूसरी तरफ एसोसिएशन के व्हाट्सएप ग्रुप में पूरी साजिश की जा रही थी कि किस तरह से बंदी करनी है। यानी बंदी रद्द करने का एलान कथित तौर पर किया गया था।
कुछ प्रमुख लोग गुपचुप तरीके से थे शामिल
साजिशकर्ताओं के मोबाइल से शहर के कई प्रमुख लोगों के नंबर मिले हैं। पुलिस की जांच में सामने आया कि ये लोग पर्दे की पीछे रहकर खामोशी के साथ बवाल की साजिश में शामिल थे। शुरुआती जांच में इनके खिलाफ पुख्ता साक्ष्य नहीं मिले हैं। पुलिस केवल जानकारी के आधार पर उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाने में लगी है। जिनके खिलाफ साक्ष्य पाए जाएंगे, उन पर कार्रवाई होगी।
पुलिस ने मुख्य आरोपियों के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकलवाई
पढ़ें :- हमारा गठबंधन महाराष्ट्र की प्रगति के लिए काम करता रहेगा...महायुति को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद बोले पीएम मोदी
पुलिस ने मुख्य आरोपियों के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकलवाई। सूत्रों के मुताबिक बवाल के वक्त हयात जफर हाशमी की लोकेशन यतीमखाना के पास मिली। जबकि जावेद व अन्य साजिशकर्ता की लोकेशन यतीमखाना, नई सड़क व दादामियां चौराहे के पास पाई गई।