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Kartik Maas 2025 Tulsi Puja : कार्तिक मास में सुबह-शाम करें तुलसी पूजन , बनी रहती है सौभाग्य और आरोग्यता

By अनूप कुमार 
Updated Date

Kartik Maas 2025 Tulsi Puja : कार्तिक मास में तुलसी पूजा को बहुत पुनीत और मनोकामना पूर्ण करने वाला बताया गया है। देवी तुलसी, भगवान विष्णु के एक रूप भगवान शालिग्राम की पत्नी हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह होता है।  तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, जो भगवान विष्णु को अति प्रिय हैं। कार्तिक माह के दौरान तुलसी पूजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का स्रोत भी है।कार्तिक माह में हर सुबह-शाम तुलसी के समक्ष दीपक जलाना और जल अर्पित करना शुभ माना गया है।

पढ़ें :- Kartik Tulsi Puja : कार्तिक मास में जरूर करें तुलसी पूजन , इस दिन पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए

आस्था का प्रतीक
तुलसी के सामने दीपक जलाने की हजारों वर्षों से परंपरा चली आ रही है। इसके पीछे मान्यता है कि  दीपक जलाने का अर्थ है कि भीतर की अंधकार को मिटाकर ज्ञान, भक्ति और स्नेह का प्रकाश फैलाने जैसा है। यही कारण है कि हर हिंदू घर में तुलसी का पौधा आस्था का प्रतीक बनकर सदियों से पूजनीय है।

तुलसी पूजा के जरूरी नियम
धर्म ग्रंथो में यह बताया गया है कि मंगलवार, रविवार और एकादशी तिथि के दिन तुलसी के पौधे में जल नहीं अर्पित करना चाहिए। साथ ही इस दिन तुलसी का स्पर्श करने की भी मनाही है। मान्यता है कि एकादशी तिथि के दिन माता तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। इसलिए ऐसा करने से माता के क्रोध का सामना भी करना पड़ता है और जीवन में कई प्रकार की समस्याएं भी आती है। इस दिन तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए।

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