Kartik Purnima 2024 : कार्तिक पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु की उपासना, गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ का विशेष् महत्व है। कार्तिक माह की पूर्णिमा साल की सबसे पवित्र और शुभ पूर्णिमा मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था। इसलिए इस दिन का महव विष्णु के भक्तों के लिए अत्यधिक है। भगवान विष्णु ने यह अवतार वेदों की रक्षा, प्रलय के अंत तक सप्तऋषियों, अनाजों एवं राजा सत्यव्रत की रक्षा के लिए लिया था। इस दिन किये जाने वाले अन्न, धन एव वस्त्र दान का भी बहुत महत्व बताया गया है। इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन गरीब, जरूरतमंद, असहाय और बुजुर्गों की सेवा को महत्वपूर्ण बताया गया है। इस साल 15 नवंबर 2024 को कार्तिक पूर्णिमा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। कार्तिकी पूर्णिमा से प्रारम्भ करके प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ उपाय करने से घर में धन आगमन होता है।
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पूर्णिमा तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 15 नवंबर की सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर होगी। वहीं, पूर्णिमा तिथि का समापन अगले दिन यानी 16 नवंबर को रात 2 बजकर 58 मिनट पर होगा। ऐसे में 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी।
लक्ष्मी जी को पीली कौड़ियां अर्पित करें
कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग जरूर लगाना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा के समय लक्ष्मी जी को पीली कौड़ियां अर्पित करें और अगले दिन इन कौड़ियों को तिजोरी में रखना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं।
पीपल पर दूध में शक्कर मिलाकर चढ़ाएं
कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ पर दूध में शक्कर मिलाकर चढ़ाएं. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा घर पर बनी रहती है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को जल अर्घ्य देने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति भी मजबूत होती है।
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कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान और दीपदान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
इस दिन स्नान के समय यह श्लोक बोलना चाहिए।
”गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् संनिधिं कुरु।।’