वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के समापन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। प्रधानमंत्री ने यहीं से उत्तर प्रदेश के 16 अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण भी किया। प्रधानमंत्री ने इससे पहले वाराणसी के अटल आवासीय विद्यालयों के बच्चों से संवाद भी किया। वहीं उन्होंने कार्यक्रम के अंत में विभिन्न रंगारंग कार्यक्रमों को देखा। प्रधानमंत्री ने समारोह के दौरान अपने उद्बोधन में कहा कि काशी और संस्कृति दोनों एक ही ऊर्जा के दो नाम हैं। उन्होंने कहा कि वो पूरी दुनिया में काशी का डंका बजाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात की भी जानकारी दी कि जल्द ही काशी सांसद ज्ञान महोत्सव और काशी सांसद टूरिस्ट गाइड प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा।
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दुनियाभर में हो रही काशी की चर्चा
अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि बाबा के आशीर्वाद से काशी का सम्मान आज नित नई ऊंचाइयों को छू रही है। जी-20 समिट के जरिए भारत ने पूरी दुनिया में अपना झंडा गाड़ा है, लेकिन उसमें काशी की चर्चा विशेष है। काशी की सेवा, काशी का स्वाद, काशी की संस्कृति और काशी का संगीत। जी-20 के लिए जो जो मेहमान काशी आया वो इसे अपनी यादों में समेटते हुए साथ लेकर गया है। जी 20 की अद्भुत सफलता महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुई है। बाबा की कृपा से काशी अब विकास के ऐसे आयाम गढ़ रही है जो अभूतपूर्व है।
काशी को लेकर साकार हो रहा मेरा सपना : मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जिस काशी की कल्पना की थी विकास और विरासत का वो सपना धीरे धीरे साकार हो रहा है। दिल्ली में व्यस्तता के बीच भी वे काशी सांसद सांस्कृति महोत्सव को जरूर देखते थे। कलाकारों की अद्भुत प्रस्तुतियों ने उन्हें प्रभावित किया। उन्हें इस क्षेत्र की प्रतिभाओं से सीधा जुड़ने का अवसर मिला। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में ये सांस्कृतिक महोत्सव काशी की अलग पहचान बनने वाला है। उन्होंने कहा कि ये नटराज की अपनी नगरी है। सारी नृत्य कलाएं नटराज के तांडव से प्रगट हुई हैं। सारे स्वर महादेव के डमरू से उत्पन्न हुए हैं। सारी विधाओं ने बाबा के विचारों से जन्म लिया है। इन्ही कलाओं और विधाओं को भरत मुनि ने व्यवस्थित और विकसित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे घर की बैठकी हो या बजरे पर बुढ़वा मंगल, भरत मिलाप हो या नाग नथैया, संकटमोचन संगीत समारोह हो या देव दीपावली, सबकुछ सुरों में समाया हुआ है। काशी में शास्त्रीय संगीत की जितनी गौरवशाली परंपरा है उतने ही अद्भुत यहां के लोकगीत हैं। उन्होंने बनारस के संगीत घरानों और संगीतज्ञों का भी बखान किया।
काशी में नई परंपराओं की ये शुरुआत भर है : मोदी
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सांसद खेल प्रतियोगिता पोर्टल को लांच किया। उन्होंने कहा कि चाहे सांसद खेल प्रतियोगिता हो, सांस्कृतिक महोत्सव हो। काशी में नई परंपराओं की ये शुरुआत है। अब यहां काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएग। कोशिश यही है कि यहां के इतिहास, समृद्ध विरासत, त्यौहार और खान पान के प्रति जागरूकता और बढ़े। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि यहां अब काशी सांसद टूरिस्ट गाइड प्रतियोगिता का आयोजन हो। पूरी दुनिया में कोई गाइड की बात करे तो काशी के गाइड का नाम सबसे सम्मान से लिया जाए।
काशी है सर्व समावेशी, यही है इसकी शैक्षणिक सफलता का आधार
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के 16 अटल आवासीय विद्यालयों को लोकार्पित करते हुए कहा कि बनारस शिक्षा का एक बड़ा केंद्र रहा है। बनारस की शैक्षणिक सफलता का सबसे बड़ा आधार है इसका सर्व समावेशी स्वभाव। देश दुनिया के कोने कोने से आकर लोग यहां पढ़ाई करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए 16 अटल आवासीय विद्यालय का लोकार्पण किया गया है। ये भव्य स्कूल, हमारे श्रमिक और समाज के कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए किया गया काम है। इससे उनसे अच्छी शिक्षा और संस्कार मिलेंगे। जिन लोगों की कोरोना में दुखद मृत्यु हो गई उनके बच्चों को यहां निशुल्क पढ़ाया जाएगा। यहां कोर्स के साथ साथ संगीत, कला, कंम्प्यूटर और खेल के लिए भी शिक्षक होंगे।
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प्रधानमंत्री ने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि देश के सभी राज्यों के पास पर्याप्त पैसे हैं। भारत सरकार की ओर से सभी को पूरी छूट दी गई है। मगर ज्यादातर राज्य वोट मिलने वाले कार्यों को करने में पैसा खपा रहे हैं। इसके विपरीत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पैसों का सही उपयोग कर रहे हैं।
सांस्कृतिक महोत्सव के विजेताओं को किया सम्मानित
समारोह के दौरान काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के अंतर्गत प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इनमें श्रीकृष्ण मिश्र को सितारवादन के लिए, महामाया पांडेय को ध्रुपद गायन में, पूजा भट्टाचार्या को ध्रुपद गायन में, तनु यादव को वादन विधा, सुभाष चंद्र वर्मा को ढोलक वादन में तथा निवेदिता पांडेय को भरतनाट्यम नृत्यविधा में पुरस्कृत किया गया। इसी प्रकार समूह वर्ग में श्रुति विश्वकर्मा और वैष्णवी सिंह को उप शास्तीय गायन में, बृजभान मरावी समूह को कर्मा जनजातीय नृत्य विधा में, शांभवी टंडन समूह को नुक्कड़ नाटक में, जीवन ज्योति स्कूल समूह को भरतनाट्यम में प्रधानमंत्री ने पुरस्कृत किया।