केदारनाथ। उत्तराखंड के विश्वप्रसिद्ध केदारनाथ के कपाट छह माह के शीतकालीन अवकाश के बाद सोमवार सुबह पांच बजे खोल दिए गए। कपाट खुलने के बाद पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कराई गई।
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पिछले वर्ष की तरह इस बार भी कोविड-19 के कारण कपाटोद्घाटन के दौरान श्रद्धालु उपस्थित नहीं रहे। तीर्थ पुरोहितों समेत सीमित लोगों की मौजूदगी में ही विधि विधान के साथ कपाट खोलने का समारोह हुआ। केदारनाथ धाम में कपाट खुलने से पहले ही पूरी तैयारियां कर ली गई थी। पूरे मंदिर को 11 कुंतल फूलों से सजाया गया है। भगवान शंकर की मंत्रमुग्ध करने वाली धुनों से केदारपुरी में वातावरण भक्तिमय बन गया है। आज सुबह केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग और मंदिर के मुख्य पुजारी बागेश लिंग एवं प्रशासन की मौजूदगी में मंदिर के कपाट खोले दिए जाएंगे। मुख्य द्वार खुलने के बाद आम भक्तों को मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।
श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज विधि विधान से मंत्रोचारण के साथ सुबह पांच बजे खुल गये हैं।मंदिर के कपाट खुलने के पश्चात रावल भीमा शंकर लिंगम और मुख्य पुजारी बाघेश लिंगम ने स्वयंभू शिवलिंग को समाधि से जागृत किया तथा निर्वाण दर्शनों के पश्चात श्रृंगार तथा रूद्राभिषेक पूजाएं की गयी। pic.twitter.com/CtRysp17Ib
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) May 17, 2021
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मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बाबा केदार के धाम के पट खुलने पर श्रद्धालुओं को शुभकामनांए दी। साथ ही उनसे अपील की कि वे अपने घरों में रहकर ही पूजा अर्चना करें। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड एवं मंदिर समितियों द्वारा चारों धामों में पहली पूजाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से जनकल्याण के लिए की जा रही हैं।
देवस्थानमं बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि सरकार और देवस्थानमं बोर्ड द्वारा कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए विधि-विधान से केदारनाथ के कपाट खोले आज सुबह खोले गए। फिलहाल किसी को भी मंदिर के गर्भ गृह में जाने की अनुमति नहीं है। केदारनाथ रावल और मुख्य पुजारी की देख-रेख में मंदिर के कपाट खोले गए।
केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाने के वक्त केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्य पुजारी बागेश लिंग, जिलाधिकारी मनुज गोयल, 21 तीर्थपुरोहित, देवस्थानम बोर्ड के 14 कर्मचारी, सीओ गुप्तकाशी अनिल मनराज, चौकी इंजार्च मंजुल रावत, 6 काटेबल, 2 महिला कास्टेबल, 4 मंदिर सुरक्षा गार्द के कर्मी मौजूद रहे।
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मंगलवार को यानी 18 मई को चमोली में स्थित भगवान बदरीनाथ के कपाट सुबह सवा चार बजे ब्रहममुहूर्त में खुल जाएंगे। कोविड के कारण यहां भी श्रद्धालुओं को आने की अनुमति नहीं होगी।