लखनऊ : यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज ने सन् 1699 में भारत के धर्म और संस्कृति को सुरक्षित रखने के लिए विदेशी आक्रांताओं के विरुद्ध खालसा पंथ की स्थापना की थी। खालसा पंथ ने सदैव देश और धर्म की रक्षा के लिए अग्रणी भूमिका निभाई है। हम सभी को अपने इतिहास पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। खालसा चौक की स्थापना अपने इतिहास की स्मृतियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक अवसर है।
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मुख्यमंत्री जी आज यहां खालसा चौक के लोकार्पण के पश्चात आलमबाग स्थित गुरुद्वारे में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय ने गुरुनानक देव जी से लेकर अब तक देश व धर्म की रक्षा के लिए सदैव अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर अपना योगदान दिया है। गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबज़ादों ने स्वयं को सरहिंद के लिए बलिदान कर दिया था। वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 दिसम्बर की तिथि को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मान्यता देकर साहिबज़ादों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की है। खालसा चौक का नामकरण और लोकार्पण का यह कार्यक्रम इसी श्रृंखला का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गुरु नानक देव जी महाराज के 550वें प्रकाश वर्ष का भव्य आयोजन मुख्यमंत्री आवास पर किया गया था। वर्ष 2020 तथा वर्ष 2021 में साहिबज़ादा दिवस का आयोजन भी मुख्यमंत्री आवास पर करने का सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ था। आने वाली कुछ तिथियों में अनेक कार्यक्रमों में हमें सहभागी होने का अवसर मिलेगा। 24 नवम्बर को गुरु तेगबहादुर जी के पावन शहीदी दिवस, 27 नवम्बर को गुरुनानक देव जी महाराज के प्रकाश पर्व तथा 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के आयोजन से हम सभी जुड़ेंगे।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, लखनऊ की महापौर महापौर सुषमा खर्कवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परविन्दर सिंह, लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष सरदार राजेन्द्र सिंह बग्गा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।