Kharmas 2025 : सनातन धर्म शुभ और अशुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है। मान्यता कि शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य वृद्धि देने वाले होते है। खरमास में शुभ कार्य नहीं किए जाते है। खरमास अवधि के दौरान शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, सगाई जैसे मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। यह एक महीने या 30 दिनों की अवधि होती है। खरमास का समय साल में दो बार आता है, एक बार दिसंबर में और एक बार मार्च में। दिसंबर में शुरू होने वाला खरमास का समापन मकर संक्रांति के दिन होता है। दिसंबर में सूर्य भगवान गुरु की राशि धनु में प्रवेश करते, उस दिन से खरमास शुरू हो जाता है। आइए जानें इस साल खरमास कब से शुरू हो रहा है।
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खरमास
16 दिसंबर 2025 से लेकर 13 जनवरी 2026 तक खरमास चलेगा। 14 जनवरी 2026 को खरमास खत्म होगा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शुभ कार्यों को करने के लिए सूर्य पूर्ण से रूप से गतिमान होने चाहिए और देव गुरु बृहस्पति अपनी संपूर्ण शक्तियों के साथ शुभता प्रदान करने की स्थिति में होने चाहिए। मगर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास में सूर्य की गति धीमी होती है और देव गुरु बृहस्पति की शक्तियां और शुभता में कमी आ जाती है। इस वजह से खरमास में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
खरमास के दौरान धर्मपालन और दान के कार्यों को अधिक महत्व देना चाहिए।