लखनऊ। सच ही कहा गया है कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है। मेहनत अपना रंग दिखाती ही है। कुछ ऐसा ही हुआ है बाराबंकी की बेटी खुशबू आजम के साथ। उन्होंने अपनी मेहनत से न केवल बाराबंकी बल्कि बिहार में भी अपनी प्रतिभा का झंडा बुलंद किया है। उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) में अपनी प्रतिभा का झंडा बुलंद कर सफलता हासिल की। उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
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विदित हो कि देवा के इस्माईलपुर में रहने वाली हैं खुशबू आजम वारसी बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) की परीक्षा में सफलता हासिल की है। रविवार को बिहार लोक सेवा आयोग ने 64वीं का फाइनल रिजल्ट जारी किया है। इसमें कुल 1454 छात्रों का चयन किया गया है। जिसमें खुशबू आज़म ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के पद पर चयनित होकर जनपद का मान बढ़ाया है।
बाराबंकी के सेंट एंथोनी कॉलेज से हाईस्कूल और एमिटी कॉलेज नोएडा से इंटर की टॉपर खुशबू आजम ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से स्नातक करने के बाद पॉलिटिकल साइंस में परस्नातक किया। जहां वह ओवरआल टाॅपर रही। खुशबू के पिता फिराकुल आजम वारसी अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तीन बार सदस्य रहे है। जिनका विगत चार वर्ष पूर्व निधन हो गया। वहीं उनकी माता शगुफ्ता आजम हॉकी की राष्ट्रीय खिलाड़ी रही है।
खुशबू के बड़े भाई दानिश आजम वारसी कांग्रेस नेता हैं। पारिवारिक पृष्ठ राजनीतिक होने के बावजूद खुशबू को परिवार से काफी मदद मिली। बीपीएससी में खुशबू को पहली बार में सफलता हासिल हुई है। अपनी सफलता के पीछे खुशबू ने माता-पिता और भाई का आशीर्वाद बताया है। बीपीएससी में जिले का नाम रोशन कारण वाली खुशबू आजम ने कहा कि उनका मुख्य सपना आईएएस बनना है।