Kuber Puja Dhanteras : दीपावली से ठीक पहले शुभ धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है।धनतेरस जिसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली महोत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन विशेष रूप से धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है।पंचांग के अनुसार, 18 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा। यह दिन धन, समृद्धि और धन की वृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन नई वस्तुओं की खरीदारी का भी महत्व है, खासकर धातु की वस्तुओं की।
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुबेर की पूजा उत्तर दिशा में करनी चाहिए। उत्तर दिशा को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और यह दिशा कुबेर के लिए सबसे शुभ है। यदि आपके घर में पूजा का स्थान या मंदिर उत्तर दिशा में है, तो वहीं पर पूजा करना उचित होगा।
मंत्र का जाप
‘ॐ लक्ष्मी कुबेराय नमः’ या ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
कमलगट्टा (कमल के बीज)
कमलगट्टा भगवान लक्ष्मी और कुबेर दोनों को प्रिय है। पूजा के दौरान इसे अर्पित करने से घर में स्थायी धन और समृद्धि आती है। इसे लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है।
फूल
गेंदे के फूल भगवान कुबेर को बहुत प्रिय हैं। नियमित रूप से पूजा में गेंदे के फूल अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं।
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कुबेर के प्रिय व्यंजन
चावल की खीर और घी से बनी लपसी भगवान कुबेर के प्रिय व्यंजन हैं।