kuldevi-devta : हिंदू धर्म में सदियों से कुलदेवी और कुलदेवता की पूजा होती आ रही है। देश में निवास करने वाले हर समाज के लोगों के कुलदेवी और कुलदेवता होते है। देवी देवता को प्रसन्न रखने के लिए विशेष प्रकार की पूजा का विधान है।ऐसी परंपरा सदियों से चली आ रही कि परिवार के किसी भी मांगलिक कार्य को आरंभ करने के पूर्व कुलदेवी और कुलदेवता की पूजा की जाती है। कुलदेवी या देवता कुल या वंश के रक्षक देवी-देवता होते हैं। ये घर-परिवार या वंश-परंपरा के प्रथम पूज्य तथा मूल अधिकारी देव होते हैं। अत: प्रत्येक कार्य में इन्हें याद करना आवश्यक होता है।
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घर-परिवार के सुरक्षा चक्र को बनाए रखते है
कुल देवी या देवता की पूजा हर घर में होनी बहुत जरूरी होती है। कुल देवी या देवता की अनदेखी या उनकी पूजा न करना पुराणों में बहुत ही गलत माना गया है। पुराणों में कुल देवी या देवता की पूजा करना हर दिन जरूरी होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कुल देवी,देवता घर-परिवार के सुरक्षा चक्र को बनाए रखते है। घर परिवार को में दुर्घटनाओं, नकारात्मक ऊर्जा, वायव्य बाधाओं से बचाते है। ऐसा करने से घर-परिवार की उन्नति बनी रहती है।