Kundli Milan: विवाह की सलामती के लिए वर-वधु दोनों पक्षों के लोग ईश्वर से प्रार्थना करते है। दोनों पक्ष विवाह के पूर्व ग्रह नक्षत्रों की स्थितियों पर विद्वान ज्योतिषी से परामर्श भी लेते है और वर-वधु की कुंडली का मिलान भी करवाते है। कुंडली मिलान का काफी उच्च महत्व है और इसके बाद ही विवाह निश्चित किये जाते है। कुंडली मिलान एक ज्योतिषीय प्रक्रिया है, जिसे वर-कन्या के विवाह से पूर्व किया जाता है।
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इसमें वर-वधु की कुंडली के बीच की सामंजस्यता को देखा जाता है। कुंडलियों को देखकर दोनों के बीच 36 गुणों को मिलाया जाता है। यदि दोनों के बीच 36 में से 18 या इससे अधिक गुण मिल जाते हैं तो ही दोनों के बीच विवाह का विचार किया जाता है और उसे सफल माना जाता है। कुंडली मिलान के माध्यम से ये पता चलता है की किस स्तर तक ग्रह वर और वधु को आशीर्वाद दे रहे है और कौन से ज्योतिष परिहार करने से विवाह में खुशियां आ सकती है। विवाह की सलामती के लिए वर-वधु दोनों पक्षों के लोग ईश्वर से प्रार्थना करते है। दोनों पक्ष विवाह के पूर्व ग्रह नक्षत्रों की स्थितियों पर विद्वान ज्योतिषी से परामर्श भी लेते है और वर-वधु की कुंडली का मिलान भी करवाते है।
मांगलिक कुंडली का मिलान
वर, कन्या दोनों की कुंडली ही मांगलिक हों तो विवाह शुभ और दाम्पत्य जीवन आनंदमय रहता है। एक सादी एवं एक कुंडली मांगलिक नहीं होना चाहिए। मंगल-दोष निवारण : मांगलिक कुंडली के सामने मंगल वाले स्थान को छोड़कर दूसरे स्थानों में पाप ग्रह हों तो दोष भंग हो जाता है।