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कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना सफेद हाथी, उद्घाटन के बाद से आज तक फ्लाइट न टेक ऑफ कर रही और न ही लैंड…

By संतोष सिंह 
Updated Date

कुशीनगर। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Kushinagar International Airport) 4 साल से विमानों के यहां से उड़ान भरने का इंतजार कर रहा है। हालांकि, वीवीआईपी सेवाएं यहां से चालू हैं। अभी 4 दिन पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी का प्लेन यहां उतरा था, लेकिन, पब्लिक सेवाएं अभी शुरू नहीं हुई हैं।

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270 करोड़ लागत से तैयार कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन (Kushinagar International Airport) अब महज सफेद हाथी साबित हो रहा है। इसके रख रखाव में 5 करोड़ रुपयों से ज़्यादा खर्च हो रहे है। इसके बावजूद यहां से कोई राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है। आज भी यहां के लोगों को कहीं भी जाना होता है तो उनको गोरखपुर से उड़ान लेनी पड़ती है। बता दें कि उत्तर प्रदेश का एक ऐसा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (International Airport) है, जहां से कोई फ्लाइट उड़ती नहीं है। चौंकिए नहीं, ये हकीकत है। गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल के रूप में प्रसिद्ध कुशीनगर में 4 साल पहले तैयार हुआ इंटरनेशनल एयरपोर्ट (International Airport)  सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है।

आइए जानते हैं कि आखिर ऐसी कौन सी अड़चन आ गई कि कुशीनगर एयरपोर्ट (Kushinagar Airport) से आम जनता की फ्लाइट न टेक ऑफ कर रही और न ही लैंड? इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट (International Airport)  का उद्घाटन 20 अक्टूबर 2021 को पीएम नरेंद्र मोदी ने पहले बौद्ध पर्यटन को लेकर किया था। उम्मीद जताई गई थी कि कम से कम भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल पर अन्य बुद्धिस्ट देश के श्रद्धालु आएंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हवाई अड्डे में सिर्फ उद्घाटन के समय भारत सरकार की सब्सिडी से एक अंतर्राष्ट्रीय विमान श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से 125 यात्रियों को लेकर आया था। उसके बाद से इस एयरपोर्ट पर कभी किसी विमान की गर्जना किसी ने नहीं सुनी है।

दावे निकले हवा-हवाई

जब कुशीनगर इंंटरनेशनल एयरपोर्ट (Kushinagar International Airport) का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था। तो उन्होंने बड़े-बड़े दावे किए थे। कहा था कि इस एयरपोर्ट के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों खासकर बुद्ध को मानने वाले लोग आकर्षित होंगे। कुशीनगर और इसके आसपास के लोगों यहीं से फ्लाइट मिलेगी।

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दावा था कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए कुशीनगर के आसपास के क्षेत्र भी पर्यटन के लिहाज से बेहतर साबित होंगे। बौद्ध सर्किट पर काम तेज करने की बात कही गई थी लेकिन न तो कोई अंतरराष्ट्रीय उड़ान इस एयरपोर्ट से हो रही है न ही बुद्ध सर्किट के काम में ही भी बड़ी तेजी दिखाई दे रही है।

लिहाजा इस प्रोजेक्ट पर हर दिन सवाल खड़ा हो रहा है कि, आखिर यह कब चालू होगा? कब अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का आगमन होगा। जबकि कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, बौद्ध सांस्कृतिक स्थल कपिलवस्तु, श्रावस्ती और लुंबिनी के निकट है।

अभी तक यूपी से सटे पश्चिमी बिहार और गोरखपुर जिले के आसपास के लोग दूसरे देशों की यात्रा के लिए गोरखपुर एयरपोर्ट से देश के विभिन्न इंटरनेशनल एयरपोर्ट जाते हैं और फिर वहां से अपनी आगे की यात्रा करते हैं। ऐसे में अगर कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू हो जाता तो विदेश जाने वालों की सहूलियत मिलती।

चार सिस्टम एक्टिव न होना बना बाधा

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Kushinagar International Airport) के निदेशक प्राणेश कुमार राय का कहना है कि डीवीओआर, डीएमई, लोकोलाइजर और जीप सिस्टम अभी एक्टिव हो गया है। एक टेक्निकल टीम 10 जून को एयरपोर्ट का विजिट की है और तकनीकी संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने को लेकर अपनी रिपोर्ट नगर विमान मंत्रालय और सरकार को देगी।

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उम्मीद है कि इसके बाद उड़ान के लिए विमानन कंपनियां को यहां से उड़ान के लिए प्रेरित किया जाएगा। 13 जून को भी स्थानीय जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ भी इस संबंध में बैठक हुई है। निदेशक ने बताया कि कुशीनगर एयरपोर्ट करीब 590 एकड़ में फैला है।

इसकी 3.2 किलोमीटर लंबी और 46 मीटर चौड़ी एकल हवाई पट्टी है। अभी तक यह उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे रनवे वाले एयरपोर्ट में शामिल है। करीब 17.5 करोड़ रुपए की लागत से आठ मंजिला अत्याधुनिक एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर एयरपोर्ट पर बनकर तैयार है। यहां हर घंटे 8 फ्लाइट के आवागमन की क्षमता है।

VFR की सुविधा नाकाफी, IFR के लाईसेंस का चार से इंतजार

कुशीनगर एयरपोर्ट के उद्घाटन के समय निदेशक की भूमिका निभाने वाले एके द्विवेदी बताते हैं कि अभी एयरपोर्ट पर फ्लाइट रूल सिस्टम (VFR) सिस्टम लगा है। यह फ्लाइट के लैंडिंग करने का ऐसा नॉन इंस्ट्रूमेंट सिस्टम है, जिससे विमान को रनवे पर उतरने में मदद मिलती है।

लेकिन इसके साथ दिक्कत यह है कि जब 5 किलोमीटर की विजिबिलिटी रनवे से पहले पायलट को स्पष्ट मिलने लगेगी तो ही वह विमान को लैंड करने के लिए रनवे तक लेकर आएगा। जबकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर विमानन कंपनियों की मांग है कि इसे IFR यानी इंस्ट्रूमेंट फ्लाइट रूल सिस्टम से जोड़ा जाए। यह सिस्टम खराब मौसम में भी विमान के संचालन और उतरने में काफी मदद करता है।

दो मकान भी बन रहे रोड़ा

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अगर विजिबिलिटी 800 मीटर की भी पायलट को दिखेगी तो विमान को उतारा जा सकेगा। मतलब आईएफआर उड़ान में दृश्य संदर्भों पर निर्भर रहने के बजाय, नेविगेशन के लिए उपकरणों और हवाई यातायात नियंत्रण पर निर्भर रहना शामिल है।

उन्होंने कहा कि आईएफआर लाइसेंस के लिए नागर विमान मंत्रालय और भारत सरकार के बीच लंबे समय से बातचीत चल रही है। लेकिन अभी तक यह मसला क्यों नहीं हाल हो पाया यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। साथ ही एयरपोर्ट के पास में स्थित दो मकान ऐसे हैं, जिनके मालिकों ने एक वाद भी हाईकोर्ट में दाखिल कर रखा है। इसकी वजह से भी यहां से उड़ान अभी नहीं हो पा रही है।

24 जून 2020 को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट घोषित हुआ

कुशीनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा मिले इसके लिए मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 जून 2020 को अपनी बैठक के बाद घोषणा किया था। इसके बाद 22 फरवरी 2021 को नागरिक उद्यान महानिदेशक की तरफ से इसे लाइसेंस भी दे दिया गया। इसके पहले 10 अक्टूबर 2019 को योगी सरकार ने इसे पूरी तरह से एयरपोर्ट अथॉरिटी को सौंप दिया था।

रउआं सबनीं क सपना पूरा हो गईल : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने यहां आयोजित जनसभा में भोजपुरी में अपना भाषण देकर यह कहा था कि, इस एयरपोर्ट के बन जाने से अब दुनिया के हर कोने से लोगों का कुशीनगर आना आसान होगा। मोदी ने कहा था कि “रउआं सबनीं क सपना पूरा हो गईल”।

इस दौरन श्रीलंका के खेल मंत्री नमल राजपक्षे साहित 125 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल यहां पाहुंचा था, जिसमें सारे बौद्ध भिक्षु थे। यह दल यहां के बाद वाराणसी भी गया था। मार्च 2022 में कुछ लोग यहां वियतनाम से भी पहुंचे थे। लेकिन इसके बाद कोई उड़ान अंतरराष्ट्रीय यहां से नहीं हुई।

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सिर्फ 2 घरेलू विमान भर सके उड़ान

26 नवंबर 2022 को पहली बार दिल्ली से यहां स्पाइसजेट की फ्लाइट 75 यात्रियों को लेकर आई थी, जो वापसी में करीब 78 यात्रियों को लेकर 56 मिनट की देरी से रवाना हुई थी। मुंबई-कोलकाता के लिए शेड्यूल भी जारी हुआ था।

18 दिसंबर 2021 को उड़ान होनी थी लेकिन आज तक कोई उड़ान नहीं हुई। यही नहीं कुशीनगर से मुंबई के लिए भी स्पाइसजेट ऑनलाइन टिकट की बिक्री भी शुरू कर दिया था, लेकिन यह भी उड़ान नहीं हो पाई। फ्लाइट को 10 जनवरी 2022 को उड़ना था।

इसके बाद फिर प्रयास हुआ तो 27 मार्च से 30 मार्च 2022 के बीच कुशीनगर-कोलकाता के बीच चार फ्लाइट चली लेकिन इसके बाद फिर या बंद हो गई। इसके पीछे की वजह यात्रियों का न मिलना निकलकर सामने आया।

यही वजह है कि कई विमान कंपनियों ने अपने सर्वे में यात्रियों की कमी को देखते हुए यहां से उड़ान शुरू नहीं कर सकीं। कुशीनगर से दिल्ली के लिए एक फ्लाइट चली लेकिन वह रेगुलर नहीं हो पाई और 7 नवंबर 2023 से वह भी बंद कर दी गई।

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