लखनऊ। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन रिन्यूएबल एनर्जी एजुकेशन एंड रिसर्च, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा संचालित अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी में आधुनिक नवाचार और विकास पर फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) 12 जुलाई को प्रारंभ किया गया। इस एफडीपी को एआईसीटीई ट्रैनिंग एंड लर्निंग अकादमी द्वारा समर्थित किया गया है।
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उद्घाटन समारोह की शुरुआत वर्चुअल सरस्वती वंदना से हुई। उसके बाद विश्वविद्यालय कुलगीत गया गया। एफडीपी के समन्वयक, डॉ. ज्योत्सना सिंह ने औपचारिक रूप से प्रख्यात वक्ताओं और सत्र में भाग लेने वाले लगभग दो सौ प्रतिभागियों का स्वागत किया। उद्घाटन सत्र में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में प्रो. ओंकार प्रसाद, प्रो. आर.के. मिश्रा, लखनऊ विश्वविद्यालय से डॉ. आर.बी. सिंह और राष्ट्रीय जैव ऊर्जा संस्थान से डॉ. सचिन कुमार मौजूद थे।
डॉ. ज्योत्सना सिंह ने शैक्षणिक सत्र का उद्घाटन किया और “सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए अक्षय ऊर्जा” पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। रूरल एनर्जी एंड लाइवलीहुड के निदेशक डॉ देबजीत पालित ने “अक्षय ऊर्जा: ग्रामीण विकास की गुंजाइश” पर अपने विचार प्रस्तुत किए। अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के प्रति प्रतिभागियों के झुकाव को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम का समापन 16 जुलाई को समापन सत्र के साथ होगा। अधिक जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.lkouniv.ac.in पर उपलब्ध है।