लखनऊ। Lucknow University news उत्तर प्रदेश शासन ने हाल ही में कानपुर विश्वविद्यालय(Kanpur University) से सम्बद्ध चार जनपदों (हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, रायबरेली) के कॉलेजों की सम्बद्धता लखनऊ विश्वविद्यालय से कर दी है। छात्रों का आरोप है कि लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) इन चार जनपदों के सम्बद्ध कॉलेजों के छात्र-छात्राओं से 6 गुना ज्यादा फीस वसूल रहा है। पीड़िता छात्र—छात्राओं ने प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) को ज्ञापन प्रेषित कर विसंगति दूर करने की मांग की है।
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छात्रों ने कहा कि कानपुर विश्वविद्यालय छात्रों से लिये जाने वाले शुल्क 955 रूपये के स्थान पर लखनऊ विश्वविद्यालय में 6,000 रूपया प्रति छात्र लेने का विधान है विश्वविद्यालयों के शुल्क की विसंगति का दुष्परिणाम सम्बद्व चारों जनपदों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं जो प्रमुखता ग्रामीण अंचल से जुड़े हुए हैं। पढ़ने वाले छात्रों तथा अभिभावकों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ने वाला है। इतने बड़े शुल्क अन्तराल का दुष्परिणाम सम्बद्व चारों जिलों के महाविद्यालयों पर भी सीधा असर पड़ने वाला है। ऐसी स्थिति में सम्बद्ध महाविद्यालयों का अस्तित्व खतरे में पड़ने की सम्भावना है चूॅकि अधिकांश छात्र-छात्रायें सम्बद्ध महाविद्यालय में ग्रामीण अंचल से आते है। जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण महाविद्यालयों का शुल्क अदा करने की कठिनाई का अनुभव करते हुए अधिकतर संख्या में छात्र-छात्राएं पड़ोसी महाविद्यालयों जो कानपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। उसमें चले जाने की सम्भावना है।
शासन की नीति के अनुसार सबको समान अवसर तथा सबको समान सुविधा प्रदान करने की है। इस आलोक में आपसे निवेदन है कि कानपुर विश्वविद्यालय एंव लखनऊ विश्वविद्यालय में लिये जाने वाले शुल्क का जो बड़ा अन्तराल है। इस अन्तराल को कम कराकर छात्रों, अभिभावको तथा महाविद्यालय की रक्षा की जा सकती है।
वर्तमान समय में प्रत्येक क्षेत्र में समता की दिशा में देश बहुत तेजी से बढ़ रहा है। भारत सरकार की नई शिक्षा नीति (new education policy) इस दिशा में एक बड़ा कदम है। वर्तमान समय में यह विचारणीय प्रश्न है कि सभी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को एक जैसा शुल्क लिये जाने की आवश्यकता है। एक जैसे शुल्क की अनुमन्यता से विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओ के एकीकरण का भाव पैदा होने के साथ-साथ सामाजिक सामानता की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा।
छात्रों ने कहा कि हम सबका अनुरोध है कि विश्वविद्यालय में लिये जाने वाले शुल्क की विसंगति दूर कराकर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में एक जैसा शुल्क लिये जाने सम्बन्धी आदेश पारित करने की कृपा करें। उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित जागृति कालेज एसोसिएशन (Uttar Pradesh Self Funded Jagriti College Association) के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अध्यक्ष आदर्श दीपक मिश्रा एडवोकेट हाई कोर्ट ने किया ज्ञापन में प्रमुख रूप से प्रदेश मुख्य महासचिव धीरज सिंह चौहान, संरक्षक सुशील कुमार मिश्र ,विधिक सलाहकार डॉ आयुष्मान शुक्ला, रणन्जय सिंह, विनोद पांडेय मौजूद रहे।