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Mahakal Temple Ujjain : 44 घंटे तक होंगे महाकाल में भक्तों को दर्शन, महाशिवरात्रि पर ऐसा होगा शेड्यूल

By संतोष सिंह 
Updated Date

उज्जैन। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का पर्व कल 26 फरवरी को मनाया जाएगा । इस अवसर पर प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भी 44 घंटे तक दर्शन के लिए पट खुले रहेंगे। आज से ही मंदिर में दर्शन के लिए शेड्यूल तय किया गया है।

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आज 25 फरवरी की रात्रि महाशिवरात्रि महापर्व (Mahashivratri Mahaparva) पर भस्मारती  हेतु श्री महाकालेश्वर भगवान जी (Shri Mahakaleshwar Bhagwan Ji) के मंगल पट प्रात: 2:30 बजे खुलेंगे। भस्मारती उपरांत 7:30 से 8:15 दद्योदक आरती, 10:30 से 11:15 तक भोग आरती के पश्यात दोपहर 12 बजे से उज्जैन तहसील की ओर से पूजन-अभिषेक संपन्न होगा। सायं 4 बजे होल्कर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन व सायं पंचामृत पूजन के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर को नित्य संध्या आरती के समान गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जायेगा। रात्रि में सायं 7 बजे से 10 बजे तक कोटितीर्थ कुण्ड के तट पर विराजित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, सप्तधान्य अर्पण, पुष्प मुकुट श्रृंगार (सेहरा) के उपरांत आरती की जायेगी। 26 फरवरी 2025 की रात्रि 11 बजे से सम्पूर्ण रात्रि के साथ ही 27 फरवरी प्रात: 6 बजे तक भगवान श्री महाकालेश्वर जी का महाअभिषेक पूजन चलेगा।

जिसमें एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ (Ekadash-Ekadashni Rudrapath)व विभिन्न मंत्रों के माध्यम से 11 ब्राह्मणों द्वारा देवादिदेव भगवान श्री महाकालेश्वर जी (Devadidev Bhagwan Shri Mahakaleshwar Ji) का अभिषेक किया जायेगा। उसके पश्चात भस्म लेपन, विभिन्न प्रकार के पाच फलों के रसों से अभिषेक, पंचामृत पूजन (101 लीटर दूध, 31 किलो दही, 21 किलो खांडसारी , 21 किलो शहद, 15 किलो घी), गंगाजल, गुलाब जल, भाँग आदि के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जायेगा।

महाकालेश्वर भगवान (Mahakaleshwar Bhagwan)की सेहरा आरती की जायेगी व भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल, पञ्च मेवा आदि का भोग अर्पित किये जाएंगे। 27 फरवरी 2025 को प्रातः सेहरा दर्शन के उपरांत वर्ष में एक बार दिन में 12 बजे होने वाली भस्मार्ती होगी। भस्मार्ती के बाद भोग आरती होगी व शिवनवरात्रि का पारणा किया जायेगा। 27 फरवरी को सायं पूजन, सायं आरती व शयन आरती के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर के पट मंगल होगे।

फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी 27 फरवरी 2025 गुरुवार अभिषेक उपरांत भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराये जाकर सप्तधान्य का मुखारविंद धारण कराया जायेगा। जिसके उपरांत भगवान श्री महाकालेश्वर (Shri Mahakaleshwar) को सप्तधान्य अर्पित किया जाएगा, जिसमें चावल, खड़ा मूंग, तिल, गेहूं, जौ, साल, खड़ा उड़द सम्मिलित रहेगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर (Shri Mahakaleshwar Temple) के पुजारियों द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर (Shri Mahakaleshwar) का श्रृंगार कर पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधा जाएगा। भगवान श्री महाकालेश्वर जी को चंद्र मुकुट, छत्र, त्रिपुंड व अन्य आभूषणों से श्रृंगारित किया जायेगा। भगवान पर न्योछावर नेग स्वरुप चांदी का सिक्का व बिल्वपत्र अर्पित की जायेगी।

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भोपाल : मध्यप्रदेश से अक्षय की रिपोर्ट

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