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Mahant Narendra Giri Death : निरंजनी अखाड़े के सचिव ने सुसाइड लेटर को बताया फर्जी, उत्तराधिकारी पद पर उठा विवाद

By संतोष सिंह 
Updated Date

प्रयागराज। निरंजनी अखाड़े (Niranjani Akhara) के महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bhartiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि( Narendra Giri)  की मौत के मामले में बुधवार को नया मोड़ आ गया है। प्रयागराज (Prayagraj ) में आज हुई पंच परमेश्वर (Panch Parmeshwar) की बैठक में महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) के सुसाइड नोट (Suicide note) को फर्जी (Fake) करार दिया गया।

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निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी ने सुसाइड लेटर को फर्जी बताते हुए उत्तराधिकारी की घोषणा करने से मना कर दिया

इसके साथ ही उनके उत्तराधिकारी को घोषित करने की बात पर भी विवाद खड़ा हो गया है। निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी ने सुसाइड लेटर को फर्जी बताते हुए उत्तराधिकारी की घोषणा करने से मना कर दिया है। इसके बाद अब संत बलवीर के उत्तराधिकारी बनने पर फैसला टल गया है। अब बैठक के लिए अगली तारीख 25 सितंबर घोषित की गई है। इसी दिन महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) के उत्तराधिकारी पर फैसला होगा और घोषणा की जाएगी। हालांकि रविंद्र पुरी (Ravindra Puri) ने बलवीर गिरि पर किसी भी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया, लेकिन उन्होंने सुसाइड लेटर (Suicide note)  की सत्यता पर सवाल उठाया है। बता दें कि बलवीर गिरि भी निरंजनी अखाड़े (Niranjani Akhara)  के पंच परमेश्वर (Panch Parmeshwar)  के सदस्य हैं।

अखाड़ा परिषद भी मौत मामले की कर रहा है जांच

इससे पहले अखाड़ा परिषद (Akhara Parishad) का एक बड़ा बयान आया है। महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच अब अखाड़ा परिषद (Akhara Parishad) भी कर रही है। अखाड़ा 16 दिन बाद सोलसी भंडारे का आयोजन करेगा। अखाड़ा परिषद (Akhara Parishad) के अनुसार उसके बाद ही जांच के बारे में बात करेंगे और मौत के संबंध में जानकारी भी देंगे। अखाड़ा परिषद (Akhara Parishad) का कहना है कि 16 दिन बाद सरकारी जांच के भी परिणाम सामने आने लगेंगे।

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नरेंद्र गिरि को दी गई समाधि

वहीं बुधवार को ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (All India Akhara Parishad) के अध्यक्ष और बाघम्बरी मठ (Baghambari Math) के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को मंत्रोच्चार और विधि-विधान के साथ श्री मठ बाघंबरी गद्दी में उनके गुरु के बगल में भू-समाधि दे दी गई। महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri)  पद्मासन मुद्रा (Padmasana Pose) में ब्रह्मलीन हुए। अब एक साल तक यह समाधि कच्ची ही रहेगी। इस पर शिवलिंग की स्थापना कर रोज पूजा अर्चना की जाएगी। इसके बाद समाधि को पक्का बनाया जाएगा।

आज गमगीन माहौल में महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) को अंतिम विदाई दी गई। उन्हें पद्मासन मुद्रा में समाधि दी गई है। उन्हें योग की मुद्रा में बैठाया गया। इसके बाद मिट्टी, चंदन, इत्र डाला गया। यही नहीं गुलाब की पत्तियों से पूरे समाधि स्थल को भरा गया।

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