पर्दाफाश न्यूज़ ब्यूरो महाराजगंज :: महराजगंज को जल्द ही वैश्विक पहचान मिलने जा रहा है। भगवान गौतम बुद्ध के ननिहाल देवदह के टीले का कुछ उत्खनन हो चुका और कुछ का हिस्से का आगामी माह में होने वाला है। वहीं देश-दुनिया के बौद्ध अनुयायियों के लिए देवदह में बौद्ध साधना केंद्र का निर्माण करीब पूरा हो चुका है। इसमें फर्श व रंगाई पुताई का कार्य बाकी है। इसके अगले माह तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद से यहां बौद्ध अनुयायियों, बौद्ध भिक्षुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो जाएगा।
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देवदह में बीते वर्ष मार्च से मई तक उत्खनन कार्य हुआ, जिसमें कुषाण कालीन कुछ अवशेष मिले थे। बारिश व बजट अभाव के कारण उत्खनन बंद है। अब आगामी दो माह में फिर से उत्खनन कराया जाएगा। उत्खनन के साथ ही यहां बौद्ध अनुयायियों व बौद्ध भिक्षुओं के लिए करीब सवा तीन करोड़ की लागत से साधना केंद्र का निर्माण शुरू हुआ। जो अब करीब बनकर तैयार हो चुका है।
गेट से भवन तक सीधी होगी सड़क
मुख्य गेट से साधना केंद्र के कुछ पहले तक रोड सीधा है, लेकिन भवन के आगे खेत होने के कारण करीब 50 मीटर पहले से ही पश्चिम मुड़ना पड़ता है। जिला प्रशासन सड़क को सीधा कराने के लिए खेत वाले किसान से वार्ता कर प्रयास कर रहा है। किसान मान गए तो भवन तक सड़क सीधी हो जाएगी।
देवहद महोत्सव में बौद्धिस्टों का उमड़ा था सैलाब
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देवहद ग्राम विकास समिति की ओर से 13,14 व 15 अक्तूबर को देवदह महोत्सव का आयोजन हुआ था। इसमें वर्मा व थाईलैंड से भी बौद्ध अनुयायी बुद्ध के ननिहाल देवदह आए थे।
मनरेगा से बनेगा परिक्रमा मार्ग
जिला प्रशासन ने देवहद स्थल के करीब 88.8 एकड़ भूमि का संरक्षित किया है। इसमें जगह-जगह स्तूप, पोखरे, कुंआ, सुरंग हैं। मनरेगा योजना से स्तूप के चारों ओर परिक्रमा मार्ग के निर्माण और सरोवरों कासुन्दरीकरण कराया जाएगा।
परियोजना प्रबंधक एमके शर्मा ने बताया कि देवहद में बौद्ध साधना केंद्र का निर्माण करीब 90 फीसदी पूरा हो चुका है। इसमें फर्श व रंगाई-पुताई का कार्य बाकी है। इसे अगले माह तक पूरा करा लिया जाएगा। मुख्य गेट से भवन तक पहुंच मार्ग को भी सीधा कराने का प्रयास किया जा रहा है।