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– ग्राम प्रधान का आरोप सादे चेक पर हस्ताक्षर कराता है विभाग
– बोले बीएसए मामला नहीं था संज्ञान में
पर्दाफाश न्यूज़ ब्यूरो सोनौली महराजगंज : नौतनवा ब्लाक क्षेत्र के सुकरौली उर्फ अरघा गांव में बीते करीब दो माह मध्यान्ह भोजन नहीं बन रहा है। गज़ब बात यह है कि यह बात विभाग के आलाधिकारी को पता ही नहीं था। बीएसए श्रवण कुमार गुप्ता का कहना है कि उनके संज्ञान में मामला करीब दो माह बाद आया है। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी नौतनवा को तत्काल मध्यान्ह भोजन बनवाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन मामले में ग्राम प्रधान व खंड विकास अधिकारी द्वारा दिए गए विभागीय व शिकायती पत्र ने बीएसए व बीईओ की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्राम प्रधान राम शंकर उर्फ राजन ने प्रधानाध्यापक ऋषिकेश गुप्ता पर विभाग के अधिकारियों पर कन्वर्जन कास्ट के नाम सादे बैंक चेक पर हस्ताक्षर कराने का एक सुनियोजित दबाव बनाने का आरोप लगाया है। ग्राम प्रधान का कहना है कि वह करीब डेढ़ माह से पत्र व दूरभाष से बीईओ व बीएसए को मध्यान्ह भोजन न बनने की शिकायत कर रहा है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। खंड विकास अधिकारी राहुल सागर का कहना है वह भी अरघा विद्यालय में मध्यान्ह भोजन न बनने के बावत बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं।
आरोप में घिरे स्कूल के प्रधानाध्यापक :
दो माह से नहीं बन रहे मध्यान्ह भोजन मामले में प्रधानाध्यापक आरोपों में घिरते नज़र आ रहे हैं। ग्राम प्रधान का आरोप है कि स्कूल से बच्चों से रकम वसूली कर एक प्राईवेट शिक्षिका की तैनाती की गई है। इसके अलावा स्कूल में रसोइयों द्वारा मध्यान्ह भोजन न बना अध्यापकों द्वारा अपनी चाय-पकौड़ी बनवाई जाती है। स्कूल में कन्वर्जन कास्ट का सही हिसाब भी नहीं दिया जा रहा। पूछने पर प्रधानाध्यापक यही जवाब देते हैं कि बीएसए मेंरे रिश्तेदार हैं।
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ग्राम प्रधान की भूमिका पर भी सवाल :
प्रधानाध्यापक ऋषिकेश गुप्ता का कहना है की ग्राम प्रधान अप्रैल माह से एक रसोईया की नियुक्ति मामले पर जिद वश राजनीति कर स्कूल के मध्यान्ह भोजन न बनने में कन्वर्जन कास्ट भुगतान नहीं कर रहा है। बजट न होने से 16 अक्टूबर से मध्यान्ह भोजन नहीं बन रहा है। पूरा मामला विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया गया है।
यह बोले ग्रामीण : ग्रामीण
राम लखन साहनी , वीरेंद्र , मंजूर अली, शिव, सनोज, संतराम व मुस्तफा का कहना है कि दो माह से स्कूल के बच्चों का मध्यान्ह भोजन न बना जिम्मेदार शासन के निर्देश को ताख पर पर लालफीताशाही कर रहे हैं। बच्चों के निवाले डकारने वालों को जेल में होना चाहिए।