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आयुष चिकित्सा पद्धति को गति देगा महायोगी गुरु गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय : Ram Nath Kovind

By संतोष सिंह 
Updated Date

गोरखपुर। यूपी  दौरे (UP Tour) पर पहुंचे राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने शनिवार को गोरखपुर के पिपरी में महायोगी गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्‍वविद्यालय  (Ayush University) का शिलान्‍यास किया। शिलान्‍यास कार्यक्रम के दौरान अचानक जोरदार बारिश के बीच राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भगवान इन्‍द्रदेव भी अपना आशीर्वाद देने हम सबके बीच में आ गए हैं।

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उन्होंने कहा कि भारतीय शास्‍त्रों में मान्‍यता है कि कोई शुभ कार्य यदि सम्‍पन्‍न हो रहा हो है। उस दौरान यदि आकाश से पानी की बूंदें गिरने लगें तो उसे कहा जाता है कि यह शुभ से अद्यतम शुभम हो गया है। यह संयोग है। जब हम लोग सुबह लखनऊ से चले तो मौसम की भविष्‍यवाणी के अनुसार हमें लग रहा था कि गोरखपुर में बारिश होने वाली है, लेकिन कभी-कभी मन में संदेह यह होता था कि बारिश यदि शाम को हुई तो हमारा शिलान्‍यास का कार्यक्रम तो सम्‍पन्‍न हो जाएगा, लेकिन हमें लगता है कि इस आयुष विश्वविद्यालय (Ayush University)  के प्रति आपका जो समर्पण है उसने इन्‍द्रदेव को बाध्‍य कर दिया कि आपको आशीर्वाद देने आ जाएं।

राष्ट्रपति ने कहा कि गुरुओं की महिमा बताने वाले गुरु गोरखनाथ (Guru Gorakhnath) ने कहा था कि सुख स्वर्ग है और दु:ख नरक। शरीर निरोग रहे इस ध्‍येय को सफल बनाने ले लिए यूनिवर्सिटी की स्थापना हो रही है। शरीर को स्वास्थ रखने के लिए विभिन्न चिकित्सा पद्धतियां हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार ने अलग आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) का गठन किया है। इससे सत्र और स्तर दोनों बढ़ेंगे। शोध संस्थान की भी स्थापना होगी। उन्‍होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के इस विश्वविद्यालय का नाम गुरु गोरखनाथ के नाम पर रखना सार्थक है। गोस्वामी तुलसीदास ने भी गोरख की प्रतिष्ठा की है। उन्‍होंने बताया कि राष्ट्रपति भवन (President’s House) में आरोग्य वन को स्थापित किया जा रहा है। राष्‍ट्रपति (President) ने कहा कि महात्मा गांधी ने प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा दिया और स्वीकार्यता दी। कोविड में आयुष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पिछले दो दशक में औषधीय खेती और मांग बढ़ी है। इस विश्वविद्यालय से आयुष को बढ़ावा मिलेगा। बड़े भाग्य से मानव शरीर मिला है।

राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल (Governor Anandi Ben Patel) ने कहा कि गोरखपुर (Gorakhnath)अंचल  कबीर, बुद्ध, गोरखनाथ, बाबा राघवदास (Baba Raghavdas) और प्रेमचंद से जुड़ा है। चौरी-चौरा यहां के इतिहास को बताता है। उन्होंने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय (Ayush University)  की स्थापना से सत्र में एकरूपता आएगी। आर्युवेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति (Ayurveda is the world’s oldest system of medicine) है। आयुष विश्विद्यालय से शोध को बढ़ावा मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि होमयो पैथी, यूनानी और आर्युवेद एक छत के नीचे लाया जाएगा। राज्‍यपाल ने कहा कि स्‍वास्थ्य बिना बीमारी से मुक्ति ही नहीं है। सभी स्वस्थ होंगे तो देश भी प्रगतिशील होगा। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री  ने बीमारी की वजह को भी दूर करने का प्रयास किया है। पोषण, शौचालय निर्माण इसी सोच का नतीजा है। मेडिकल साइंस (Medical Science) से कोई वंचित नहीं रहे इसका प्रयास अभिनंदनीय है।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति (Traditional Medicine) को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी  ने पहचान दी है। उन्‍होंने आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) का अलग से गठन किया। यूपी सरकार ने भी मंत्रालय का गठन किया। उन्‍होंने कहा कि आयुर्वेद का अनुसरण पूरी दुनिया ने कोरोना काल में किया। हल्दी का पानी दुनिया के लोग लाइन लगाकर पी रहे हैं। देश में हर भोजन हल्दी से ही पूरा होता है। उन्‍होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मेडिकल कालेज (medical college) का सत्र नियमित नहीं होता था। 2019 में अटल यूनिवर्सिटी (Atal University) की स्‍थापना 2019 में हुई।

टेक्निकल यूनिवर्सिटी (Technical University) से प्रौद्योगिकी महाविद्यालयों को एक सूत्र में जोड़ने के लिए काम हो रहा है। इसके साथ ही आयुष विश्विद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया। आज गुरु गोरखनाथ आयुष विश्विद्यालय (Ayush University)  का शिलान्यास हुआ है। प्रदेश में 94 आयुष महाविद्यालय है। यहां स्‍नातक स्‍तर पर 7500 पर सीटें हैं। अब इन महाविद्यालयों का शैक्षिक सत्र नियमित होगा। योग की विशिष्ट विधा हठ योग, व्यवहारिक योग, क्रियायोग के प्रणेता गुरु गोरक्षनाथ ही हैं। सारी पद्धतियां महायोगी गोरखनाथ से जुड़ी हैं। उन्‍होंने कहा कि उत्‍तर प्रदेश में परंपरागत चिकित्सा को एक मंच दिया जा रहा है। सीएम योगी ने कहा कि ग्रामीण इलाके में यहां विकास कोसों दूर था। आयुष विवि (Ayush University)  की की स्थापना बताती है कि हर वर्ग विकास से जुड़ रहा है।

 

आयुष मंत्री धर्मसिंह सैनी (Ayush Minister Dharam Singh Saini) ने कहा कि राष्ट्रपति आयुष विभाग ( Department of AYUSH) को आशीर्वाद देने आए हैं। मुख्यमंत्री की रुचि आयुष में रही है। कोरोना काल में आयुष को नई पहचान मिली है। आयुष मेला लगे हैं। आयुष विश्विद्यालय (Ayush University)   से अब सम्बद्ध महाविद्यालय के सत्र नियमित होंगे। 56 एकड़ भूमि में बनने वाले विश्विद्यालय पर 300 करोड़ ख़र्च होंगे। 36 महीने में विश्वविद्यालय बन कर तैयार होगा।

 

 

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