नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले (Cash For Query Case) में घिरी हुई हैं। वहीं सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) के भतीजे और पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने अब महुआ का बचाव किया है। इस मामले पर सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) की चुप्पी के बीच अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने कहा है कि महुआ राजनीति का शिकार हो गई हैं।
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महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का गंभीर आरोप लगा है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (BJP MP Nishikant Dubey) ने उनके खिलाफ लोकसभा की एथिक्स कमेटी (Ethics Committee of Lok Sabha) से शिकायत की है। एथिक्स कमेटी (Ethics Committee) ने इस मामले में अपनी 500 पन्नों की रिपोर्ट भी सौंप दी है।
महुआ मामले पर आज एथिक्स कमेटी (Ethics Committee) की बैठक होनी है। इस बीच अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) महुआ के बचाव में आगे आए हैं। उनका कहना है कि महुआ राजनीति का शिकार हो गईं हैं, जब कि ममता बनर्जी इस मामले पर कुछ भी कहने से बच रही हैं। अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) टीएमसी (TMC) के महासचिव हैं। ऐसे में उनका महुआ को समर्थन करना यह दिखाता है कि पार्टी भले ही किसी भी बयानबाजी से बच रही हो लेकिन वह महुआ के साथ है।
अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने कहा कि फायरब्रांड नेता “अपनी लड़ाई खुद लड़ने में सक्षम हैं”। बीजेपी पर टीएमसी नेता को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह केंद्र सरकार का कदम है और मैंने एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बारे में पढ़ा है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए। यह जांच का विषय है, फिर निष्कासन की सिफारिश क्यों की गई है। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उनको लगता है कि महुआ अपनी लड़ाई खुद लड़ने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि उनको भी चार साल से परेशान किया जा रहा है, उनको इसकी आदत है।
ममता बनर्जी ने कुछ नहीं बोला, लेकिन अभिषेक ने तोड़ी चुप्पी
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अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) की महुआ मामले पर टिप्पणी बहुत अहम है, क्यों कि उनका बयान ऐसे समय में आया है, जब पार्टी कुछ भी बोलने से बच रही है। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) बार-बार सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और अन्य संस्थानों के दुरुपयोग का आरोप केंद्र पर लगाती रही हैं। वह भी महुआ मामले पर बिल्कुल चुप हैं। इससे पहले पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष (Party spokesperson Kunal Ghosh) ने मीडिया के सावल का जवाब देते हुए कहा था कि पार्टी को ”इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहना है। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि जिस व्यक्ति के इर्द-गिर्द यह विवाद घूम रहा है, वही इस पर सही प्रतिक्रिया दे सकता है।