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Makar Sankranti 2024 : मकर संक्रांति पर दान देना माना जाता है शुभ , गंगा स्नान का बड़ा महत्व है

By अनूप कुमार 
Updated Date

Makar Sankranti 2024 : सनातन धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन से सूर्य भगवान उत्तरायण हो जाते हैं। उत्तरायण का आरंभ 14 जनवरी को होता है। यह दशा 21 जून तक रहती है। इस दिन अयनांत की स्थिति आती है उसके बाद दक्षिणायन प्रारंभ होता है, जिसमें दिन छोटे और रात लम्बी होती जाती है। सूर्यनारायण के उत्तरायण की स्थिति मकर संक्रांति से ही शुरू होती है। उत्तरायण को देवताओं का दिन कहा जाता है। उत्तरायण के मौके पर गंगा और यमुना नदी में स्नान का बड़ा महत्व है। साल भर की छ: ऋतुओं में से तीन ऋतुएं शिशिर, बसन्त और ग्रीष्म ऋतुएं उत्तरायण की होती है।

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इस बार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। सूर्य 14 जनवरी को अर्द्धरात्रि 2:44 बजे धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्यास्त के बाद राशि परिवर्तन करने से इस साल मकर संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी को रहेगा।

मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश भर में  हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस त्यौहार पर खिचड़ी बनाने का एक विशेष महत्व है। कई जगहों पर इसे खिचड़ी पर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्व पर खिचड़ी दान और पवित्र नदियों में स्नान की भी परंपरा है। मकर संक्रांति के मौके पर शुभ मुहूर्त में स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। सूर्यदेव की पूजा करना सबसे ज्यादा लाभकारी माना जाता है।

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