कोलकता। चुनाव आयोग ने रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिट्ठी पर जवाब दिया है। आयोग ने कहा कि नंदीग्राम में वोटिंग के दौरान बाधा नहीं आई थी। टीएमसी का पोलिंग एजेंट बूथ पर आया ही नहीं। आयोग ने आगे कहा कि बूठ पर पोलिंग एजेंट को रोकने की बात गलत है। बूथ पर शांतिपूर्ण मतदान चल रहा था। बूथ में तैनात बीएसएफ के जवानों ने गलत आरोप लगाए गए हैं। चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा कि नंदीग्राम में मतदान केंद्रों पर सुबह 5.30 बजे मतदान केंद्रों पर एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
पढ़ें :- Cyclone Dana Landfall: आज देर रात ओडिशा के तट से टकराएगा चक्रवाती तूफान दाना, इन 5 राज्यों में हाई अलर्ट
इसके बाद सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। आयोग ने यह भी कहा कि इस मॉक ड्रिल के दौरान सभी राजनीतिक दलों के पोलिंग एजेंट मौजूद थे। चुनाव आयोग ने कहा कि यह साबित करने के लिए सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध है कि चुनाव में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। बता दें कि बंगाल में दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल को हुआ था।
वोटिंग के दौरान ममता बयाल-2 स्थित सात नंबर बूथ में लगभग दो घंटे तक रहीं थीं और वहीं से उन्होंने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को फोन किया था। साथ ही मतदान में धांधली का आरोप लगाया था। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर चुनाव कार्य में हस्तक्षेप का भी आरोप लगाया था। यहीं नहीं, दीदी ने इस बाबत चुनाव आयोग को एक पत्र भी लिखा था।