Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. ख़बरें जरा हटके
  3. Bizarre Competition : महिलाओं के पैरों को देखकर दिए जाते थे अंक, खूबसूरत पैर वाली महिला बनती थी विजेता

Bizarre Competition : महिलाओं के पैरों को देखकर दिए जाते थे अंक, खूबसूरत पैर वाली महिला बनती थी विजेता

By संतोष सिंह 
Updated Date

Bizarre Competition: हमारे समाज में औरतों को लेकर हमेशा से भेदभाव किया गया है। समाज में महिलाओं को कभी वो सम्मान नहीं मिला जिनकी वह हक़दार हैं, बल्कि यूं कहें कि महिलाओं को हमेशा एक सामान (वस्तु ) के रूप में माना गया है। अगर हम इतिहास को भी देखेंगे तो भी महिलाओं का वही हाल था जो आज है।

पढ़ें :- अमृतसरी बड़ी खाने के हैं शौंकीन तो इस Viral Video में बनने का तरीका देखने के बाद कर देंगे उल्टी

आज भी महिलाओं को पहने-ओढ़ने , आने-जाने , शिक्षा के काबिल न समझा जाना, घूंघट में आदि रखना। सभी चीज़ें ये पुरुष प्रधान समाज की देन है। बता दें लोगों के मन में ये भावना बैठा दी गयी है की सिर्फ गोरी लड़किया ही सुंदर होती हैं। इस भावना के चलते ही क्रीम्स का प्रचार भी सिर्फ गोरा करने के लिए ही दिखाया जाता है।

हमारे यहां मिस वर्ल्ड, मिस यूनिवर्स जैसे कंप्टीशन भी किए गए जाते हैं,जिसमें महिलाओं की सुंदरता पर अंक दिए जाते हैं, लेकिन हम आपको बता दें कि पुराने वक्त में महिलाओं के चेहरे की सुंदरता तो छोड़ ही दीजिए। लोग महिलाओं के पैरों की सुंदरता पर भी बहुत ध्यान देते थे। आज हम आपको एक ऐसी ही अजीबो-गरीब प्रतियोगिता के बारे में बताने जा रहे हैं जो सालों पहले हुई करती थी,जिसमें सिर्फ महिलाओं के पैरों को देखे जाते थे। ये प्रतियोगिता इंग्लैंड में होती थी।

आज के समय में सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो फोटोज वायरल होते रहते हैं। आपको बता दें हाल ही में ट्विटर अकाउंट @info_tale पर एक ऐसी ही ब्लैक एंड वाइट तस्वीर पोस्ट की गई जिसमें एक सूट-बूट पहना व्यक्ति , महिलाओं के पैरों को देखकर अंक दे रहा है। जबकि तस्वीर में देखा जाये तो महिलाओं के चेहरे नहीं दिखाई दे रहे बल्कि उनके पैरों देख कर उन्हें नंबर दिए जा रहे हैं।

आपको बता दें ऐसा दवा किया जा रहा है कि ये फोटो 1950 में, फ्रांस के पैरिस में चल रहे सबसे खूबसूरत पैर, के कंप्टीशन की है। 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार पुराने वक्त में, इंग्लैंड और यूरोप के कई अन्य देशों में, महिलाओं के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित किया जाता था, जिन महिलाओं के पैरों के टखने सबसे सुंदर होते थे। उन्हें वैसे मार्क्स दिए जाते थे और फिर सबसे ज्यादा मार्क्स हासिल करने वाली महिला विजेता बनती थी।

ऐसा दवा किया जाता है की इंग्लैंड की यह प्रतियोगिता काफी बड़े स्तर पर होती थी। 1930 के दौरान की इस प्रतियोगिता की फोटोज भी वायरल होती रहती हैं, जिसमें महिला को पर्दों के पीछे खड़ा कर दिया जाता था, जिससे उनका चेहरा और शरीर न दिखाई दें बल्कि सिर्फ उनके पैर, खासकर टखनों को पर्दे के बाहर रखा जाता था। उसके बाद प्रतियोगिता का जज, जो आमतौर पर पुलिसकर्मी होता था। पैर देखकर उन्हें अंक दिया करता था और विजेता घोषित करते थे। लेकिन ये प्रतियोगिता 1940 तक चली और फिर पर्दा हटा दिया गया और महिलाओं के शरीर के साथ, उनके व्यक्तित्व पर भी अंक दिया जाने लगा थे।

पढ़ें :- Make chemical free shampoo at home: मार्केट के केमिकल वाले शैंपू इस्तेमाल करना नहीं चाहते तो घर में ऐसे बनाएं होममेड शैंपू
Advertisement