लखनऊ। यूपी के गोरखपुर (Gorakhpur) जिले में कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत (Manish Gupta Death Case) मामले में हत्या की एफआईआर (FIR) दर्ज हो गई है। इस मामले में कई पुलिसकर्मियों (Policemen) को नामजद किया गया है। पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने लिप्त पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी का भी फरमान जारी कर दिया है।
पढ़ें :- नाबालिक लड़की को बहला फुसला कर भाग ले गया मनबड़ युवक,न्याय की गुहार
इसके साथ ही इस मसले पर उत्तर प्रदेश में सियासी माहौल गरमा गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) लगातार इस मुद्दे पर योगी सरकार (Yogi Government) को घेर रहे हैं। गुरुवार को अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कानपुर जाकर पीड़ित परिवार से भी मुलाकात की और उन्हें 20 लाख रुपये की मदद देने का आश्वासन दिया।
‘मनीष गुप्ता हत्याकांड’ में पुलिसवालों की गिरफ़्तारी न होना ये दर्शाता है कि वो फ़रार नहीं हुए हैं उन्हें फ़रार कराया गया है। दरअसल कोई आरोपियों को नहीं बल्कि ख़ुद को बचा रहा है क्योंकि इसके तार ‘वसूली-तंत्र’ से जुड़े होने की पूरी आशंका है।
‘ज़ीरो टालरेंस’ भी भाजपाई जुमला है। pic.twitter.com/BBf4gLDJor
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 1, 2021
पढ़ें :- बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार से मिले पीएम मोदी, पूछा- कैसे हो भाई? साझा किया वीडियो
इसके बाद एक बार फिर शुक्रवार को अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट कर कहा कि मामले में अब तक पुलिसवालों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इन्हें बचाया जा रहा है। अखिलेश ने ट्वीट में लिखा है कि ‘मनीष गुप्ता हत्याकांड’ में पुलिसवालों की गिरफ्तारी न होना ये दर्शाता है कि वो फरार नहीं हुए हैं, उन्हें फरार कराया गया है। बता दें कि कोई आरोपियों को नहीं बल्कि खुद को बचा रहा है क्योंकि इसके तार ‘वसूली-तंत्र’ से जुड़े होने की पूरी आशंका है। ‘जीरो टालरेंस’ (Zero Tolerance) भी भाजपाई जुमला है।