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‘Media Vimarsh’ focused on Dr. Joshi : संस्कृति और भारतबोध के प्रखर प्रवक्ता हैं सच्चिदानंद जोशीः प्रो. संजय द्विवेदी

By अनूप कुमार 
Updated Date

‘Media Vimarsh’ focused on Dr. Joshi :  हिंदी फिल्मों के लोकप्रिय गीतकार और अभिनेता स्वानंद किरकिरे ने ‘मीडिया विमर्श’ के डा. सच्चिदानंद जोशी पर केंद्रित अंक का लोकार्पण इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में किया। इस अवसर डा. सच्चिदानंद जोशी, रंगकर्मी और लेखिका श्रीमती मालविका जोशी, फिल्म समीक्षक मयंक शेखर, भारतीय जन संचार संस्थान(आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी, मोटीवेशनल स्पीकर मंजूषा जौहरी, एंकर और वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पुनेठा, मीडिया शिक्षक डा. सोनाली नरगुंदे विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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नवाचार उनकी शैली है
इस मौके पर आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी ने कहा कि डा. सच्चिदानंद जोशी हमारे समय के ऐसे नायक हैं, जिनकी बहुविधि छवियां संस्कृति और साहित्य के परिसर में व्याप्त हैं। रंगकर्म उनका पहला प्यार है किंतु मंच से परे कवि,कथाकार, शिक्षाविद्, संस्कृतिकर्मी, प्रशासक जैसी अनेक भूमिकाओं में वे अग्रिम पंक्ति में नजर आते हैं। उनकी षष्टिपूर्ति के प्रसंग पर प्रकाशित ‘मीडिया विमर्श’ का यह अंक उनकी इन बहुविधि छवियों का समग्र मूल्यांकन करता है। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि संस्कृति और भारतबोध के वे प्रखर प्रवक्ता हैं। नवाचार उनकी शैली है। अपनी जड़ों पर खड़े रहकर भी आधुनिक ढंग से सोचना और करना उन्हें आता है।

कविताएं और यात्रा वृत्तांत उनके साहित्यिक व्यक्तित्व से भी परिचित कराते हैं
मुख्यअतिथि प्रख्यात गीतकार स्वानंद किरकिरे ने श्री जोशी के नेतृत्व में इंदिरा गांधी कला केंद्र के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और कहा कि फिल्मों के मूल्यांकन और संग्रहण का महत्वपूर्ण कार्य केंद्र द्वारा किया जा रहा है। मीडिया विमर्श के इस अंक में डा. जोशी के व्यक्तित्व और कृतित्व का मूल्यांकन करने के साथ, उनके चार महत्त्वपूर्ण साक्षात्कार भी शामिल हैं। इस अंक में शामिल उनकी चार कहानियां, कविताएं और यात्रा वृत्तांत उनके साहित्यिक व्यक्तित्व से भी परिचित कराते हैं। पत्रिका के संपादक डा. श्रीकांत सिंह हैं।

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