Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की बैठक: पूजन के बाद देशभर के पांच लाख गांव में भेजा जाएगा पूजित अक्षत

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की बैठक: पूजन के बाद देशभर के पांच लाख गांव में भेजा जाएगा पूजित अक्षत

By शिव मौर्या 
Updated Date

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दो दिवसीय बैठक में कई अहम बिंदुओं पर निर्णय लिया गया। इसमें तय हुआ कि विजयदशमी के बाद रामलला की प्राणप्रतिष्ठा से पहले अक्षत पूजन का अनुष्ठान होगा। पूजन के बाद ये अक्षत देशभर के पांच लाख गांवों के घर—घर भेजा जाएगा। यही नहीं मंदिर के उद्घाटन के बाद रामलला के दर्शनार्थियों को प्राण प्रतिष्ठित रामलला का विग्रह प्रसाद स्वरूप भेंट किया जाएगा।

पढ़ें :- Agra News : एयरफोर्स का मिग-29 विमान क्रैश, पायलट और को-पायलट सुरक्षित

देशभर के गांवों से बुलाए जायेंगे पांच-पांच ग्रामीण
मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि, प्राण प्रतिष्ठा के पहले मंदिर के गर्भ गृह का अक्षत पूजन किया जाएगा। विजय दशमी के बाद इसकी तारीख तय हो जाएगाी। अक्षत को देशभर के पांच लाख गांवो में वितरित किया जाएगा। इसके लिए देशभर के गांवों से 5—5 ग्रामीण बुलाए जायेंगे, जो 50 केंद्रों पर से 1 जनवरी से 15 जनवरी 2024 तक प्लान तैयार कर इसका वितरण करवाएंगे।

रामलला की फोटो 10 करोड़ घरों तक पहुंचाने की तैयारी
इसके साथ ही, लोगों से अपील की जाएगी को वो अपने गांव के मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का आनंदोत्सव मनाएं। गांवों के मंदिरों पूजा- अनुष्ठान आरती प्रसाद वितरण करें और उसी शाम अपने घर के बाहर सरसों के तेल के पांच दीये जला कर खुशी मनाएं। चंपत राय ने बताया कि, प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर में स्थापित रामलला की सुंदर फोटो खींची जाएगी। जिसे लाखों की संख्या में छपवा कर श्रद्धालुओं को प्रसाद के साथ वितरित किया जाएगा। इस तरह रामलला की फोटो 10 करोड़ घरों तक पहुंचाने का कार्यक्रम बनाया गया है।

प्राण प्रतिष्ठा के लिए धार्मिक समिति गठित
प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के सफल संयोजन के लिए एक धार्मिक समिति गठित की गई है। समिति में ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, महासचिव चंपत राय, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र शामिल हैं। विशेष आमंत्रित सदस्यों में महंत कमलनयन दास, डॉ़ रामानंद दास व महंत मिथिलेश नंदिनी शरण को शामिल किया गया है। रामानंदीय परंपरा के जानकार हैं। यह समिति प्राणप्रतिष्ठा अनुष्ठान को लेकर अपनी राय देगी। रामलला की पूजन पद्धति, उनके श्रृंगार, वस्त्र, किन मंत्रों से पूजा हो यह सब यह समिति तय करेगी।

पढ़ें :- UP By-Elections 2024: यूपी उपचुनाव की तारीख बदली, अब 13 नवंबर नहीं इस दिन होगी वोटिंग, पर्दाफाश की खबर पर लगी मुहर
Advertisement