लखनऊ। मायावती सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा और नसीमुद्दीन सिद्दकी पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। विजिलेंस की टीम ने 4200 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले में बाबू सिंह कुशवाहा और सिद्दकी को इस माह के तीसरे सप्ताह में पूछताछ के लिए बुलाया है। सूत्रों की माने दोनों नेताओं पर शिकंजा कसना तय हो गया है।
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गौरतलब है कि नसीमद्दीन सिद्दकी इस समय कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, जबकि बाबू सिंह कुशवाहा जन अधिकार मंच बनाकर राजभर के संकल्प भागीदारी मोर्चा के घटक दल हैं। दोनों के अलावा, 3 दर्जन से अधिक सरकारी अफसरों को भी नोटिस भेजा गया है। लखनऊ-नोएडा में बने अंबेडकर स्मारक घोटाले में विजिलेंस ने यह नोटिस दिया है।
दरअसल, मायावती के शासनकाल में 4200 करोड़ रुपये का स्मारक घोटाला हुआ था। विजिलेंस ने इसी मामले में कुशवाहा व नसीमुद्दीन को नोटिस भेजा है। सूत्रों का कहना है कि इन दोनों ही पूर्व मंत्रियों ने कंसोर्टियम के लिए जो कैबिनेट नोट तैयार किए थे, उसमें इनके हस्ताक्षर थे। उसी से संबंधित सवालों के जवाब देने के लिए दोनों पूर्व मंत्रियों को बुलाया गया है। इनके अलावा निर्माण निगम के कुछ अन्य इंजीनियरों व यूनिट इंचार्ज को भी नोटिस भेजा गया है।