नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में सांसदों के निलंबन को लेकर गुरुवार को विपक्षी सांसदों ने मार्च निकाला है। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Congress President Mallikarjun Kharge) ने कहा कि आज हम जो प्रोटेस्ट कर रहे हैं उनके खिलाफ आंदोलन है। सरकार और सदन के मुखिया नहीं चाहते है कि सदन चले। डेमोक्रेसी में हमारा हक है कि हम सदन में बात करें। सुरक्षा में चूक कैसे हुई उसी के बारे में सरकार से जवाब चाहते थे।
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We, the people of India need to Save Democracy.
Passing important legislations by suspending Opposition MPs is not Democracy. It is the worst kind of authoritarianism.
Our future generations will not forgive us, if we do not raise our voices against this dictatorship, NOW ! pic.twitter.com/hGglS4GR90
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 21, 2023
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उन्होंने कहा कि हमें, भारत के लोगों को लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों को निलंबित करके महत्वपूर्ण कानून पारित करना लोकतंत्र नहीं है। यह सबसे ख़राब प्रकार का अधिनायकवाद है। उन्होंने कहा कि अगर हमने अभी इस तानाशाही के खिलाफ आवाज नहीं उठाई तो हमारी आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Congress President Mallikarjun Kharge) ने कहा कि 2004 में आज ही के दिन कांग्रेस पार्टी ने करोड़ों ग्रामीण लोगों की जीवनरक्षक — मनरेगा, यानी ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ को प्रस्तुत किया था, जिसके चलते कोरोना काल में ग़रीबों को न्याय मिला। उन्होंने कहा कि देश को याद है कि बजट 2023 में मोदी सरकार ने मनरेगा के बजट में 33 फीसदी कटौती की थी, जिसका परिणाम ग़रीब परिवार भुगत रहें हैं। कर्नाटक समेत विपक्ष शासित राज्यों का करोड़ों का फंड बक़ाया है। मोदी जी, मनरेगा लाने के लिए कांग्रेस को कितना भी कोसिए, पर ग़रीबों का हक़ मत छीनिए।