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मनी लॉन्ड्रिंग केस : महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक 21 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए

By संतोष सिंह 
Updated Date

मुंबई। भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) मनी लॉन्ड्रिंग केस (Money laundering case) में महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) को मुंबई की स्पेशल PMLA कोर्ट ने सोमवार को एक बार फिर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बता दें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मलिक को 7 मार्च तक हिरासत में भेजा था। ईडी (ED) ने मलिक को भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) और उसके सहयोगियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money laundering case) में 23 फरवरी गिरफ्तार किया था।

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गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के 62 वर्षीय मंत्री और NCP के प्रवक्ता मलिक को पहले 8 दिन की ईडी हिरासत में भेजा गया था। हालांकि दूसरी उनकी हिरासत को बढ़ाकर 7 मार्च कर दिया गया। ईडी (ED) के अधिकारियों ने कहा था कि मलिक के 1993 के मुंबई बम विस्फोटों से जुड़े लोगों से संबंध थे। एजेंसी का कहना है कि यह जांच, भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) , उसके सहयोगियों और मुंबई अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों से संबंधित है।

राज्य में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी द्वारा मलिक का इस्तीफा मांगे जाने के प्रश्न पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि मलिक और केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) पर अलग-अलग मानदंड अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राणे बीजेपी (BJP) के नेता हैं इसलिए उनके लिए मापदंड अलग हैं। पवार ने कहा कि मुझे याद नहीं आता कि नारायण राणे (Narayan Rane)  को हाल में गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा देना पड़ा हो। शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि राणे के लिए अलग  और मलिक के लिए अलग मानदंड दिखाता है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है।

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