नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Congress MP Shashi Tharoor) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) को लेकर बड़ा बयान दिया है। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम (armistice) को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप की बात को को सिरे से खारिज कर दिया। सांसद ने साफ तौर पर कहा है कि भारत को कभी ट्रंप की बात मानने की जरूरत नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारत का निशाना पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचा था। जो ऑपरेशन के पहले ही दिन हासिल कर लिया गया था।
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थरूर ने एक साक्षात्कार में कहा कि हमें मनाने की कभी ज़रूरत नहीं पड़ी क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन ही हमने कहा था कि हम सिर्फ़ आतंकवादियों को निशाना बना रहे हैं। अगर पाकिस्तान हम पर हमला करता है, तो हम भी उसे जवाब देंगे और अगर वे रुकते हैं, तो हम भी रुक जाएँगे। इसलिए, जिस दिन पाकिस्तानियों ने हमारे डीजीएमओ (Director General of Military Operations) को फ़ोन करके कहा, हम इसे रद्द करना चाहते हैं, हमने कहा ठीक है।
22 अप्रैल को पहलगाम (Pahalgam) में हुए हमले के बाद भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर (operation vermilion) शुरू किया था। भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया था। चार दिनों तक चले भीषण सीमा पार ड्रोन और मिसाइल (drones and missiles) हमलों के बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष समाप्त करने पर सहमति बनी थी। भारत लगातार यह कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी। हालांकि, कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर वाशिंगटन ने इस्लामाबाद को तनाव बढ़ाने से रोकने के लिए राजी किया, तो भारत के पास आभारी होने का पूरा कारण है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत ने ऐसा नहीं कहा था, क्योंकि भारत को विश्वास नहीं है कि कोई भी उसके और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर वाशिंगटन ने इस्लामाबाद या रावलपिंडी को तनाव कम करने के लिए राजी किया है। इस पर हमारी आपत्ति यह है कि हमें नहीं पता कि वाशिंगटन और इस्लामाबाद (Washington and Islamabad) के बीच क्या हुआ। हो सकता है कि ट्रंप ने पाकिस्तानी जनरलों पर बहुत ज़ोर दिया हो और कहा हो, अपनी जवाबी कार्रवाई मत बढ़ाओ क्योंकि हम तुम्हारे और भारत के साथ शांति चाहते हैं। चाहे किसी भी कारण से।
उन्होंने ऐसा किया, तो हमें निश्चित रूप से कहना चाहिए, हम इसकी सराहना करते हैं। भले ही हमने इसके लिए नहीं कहा हो और हमने इसके लिए इसलिए नहीं कहा क्योंकि हमें विश्वास नहीं है कि कोई हमारे और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर सकता है।” दस मई को राष्ट्रपति ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में लंबी रात की वार्ता के बाद भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने तब से कई बार यह दावा दोहराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मानसून सत्र के दौरान संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि किसी भी देश के नेता ने भारत से ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए नहीं कहा था।