नरक चतुर्दशी 2021: दिवाली हिंदुओं का प्रमुख पर्व है। दिवाली त्योहार के प्रारंभ होने से लेकर पूरे पांच दिनों तक त्योहारों का क्रम चलता रहता है। इस साल 2 नवंबर को धनतेरस मनाई जाएगी। इसके अगले दिन नरक चतुर्दशी और 4 नवंबर को दिवाली महापर्व मनाया जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा भी की जाएगी।
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मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल तेल लगाकर, अपामार्ग (चिचड़ी) की पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि विधान से श्री हरि भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है।
इस पर्व के बारे ऐसी मान्यता है कि यमराज की पूजा करने से नरक की यातनाओं और अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है। इस दिन मां काली की पूजा अर्चना करने से शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है।
इस दिन 6 देवी देवताओं यमराज, श्री कृष्ण, काली माता, भगवान शिव, हनुमान जी और वामन की पूजा का विधान है।इस बार नरक चतुर्दशी 3 नवंबर 2021, बुधवार को है।
ऐसे में आइए जानते हैं नरक चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में संपूर्ण जानकारी।
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नरक चतुर्दशी 3 नवंबर 2021 बुधवार को 09 बजकर 2 मिनट से आरंभ होगी और 4 नवंबर 2021, गुरुवार को सुबह 06 बजकर 03 मिनट पर समाप्त होगी। दोपहर 01 बजकर 33 मिनट से 02 बजकर 17 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा। पूजा पाठ के लिए यह सर्वश्रेष्ठ समय है।