लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी आयामों को पूरी तरह से अपने पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बना जब उसने सत्र 2020-21 में अपने परास्नातक कार्यक्रम में इस अकादमिक बैंक क्रेडिट को पूर्ण रूपेण लागू किया।
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इसी क्रम में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट और मल्टीपल एंट्री एग्जिट प्वाइंट का फायदा अपने छात्रों तक सीधे पहुंचाने वाला पहला विश्वविद्यालय भी लखनऊ विश्वविद्यालय बना है जिसके छात्र मोहम्मद खालिद जमाली जिसने विश्वविद्यालय के जीव रसायन विभाग में सत्र 2020-21 में एम एस सी में दाखिला लिया ने हाल ही में कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को आवेदन प्रदान किया जिसमें उन्होंने 2 सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद सीबीसीएस के प्रावधान तथा अकादमिक बैंक क्रेडिट के अनूपालन में एक वर्ष के 48 क्रेडिट पूर्ण करने पर जीव रसायन विषय में पीजी डिप्लोमा लेकर अपनी पढ़ाई अभी के लिए समाप्त करने के विषय में आग्रह किया।
लखनऊ विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सीबीसीएस के अंतर्गत किसी भी विद्यार्थी को 24 क्रेडिट के 4 सेमेस्टर करने होते हैं । 2 सेमेस्टर अर्थात 48 क्रेडिट पर अपने अकादमिक क्रेडिट बैंक में प्राप्त कर लेने के बाद छात्र पीजी डिप्लोमा ले सकता है, व अगले 3 वर्ष में फिर आकर चाहे तो शेष क्रेडिट प्राप्त कर परास्नातक की डिग्री प्राप्त कर सकता है।
इसे ध्यान में रखते हुए कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने यह निर्देश जारी किया कि मोहम्मद खालिद जमाली को जीव रसायन में पीजी डिप्लोमा नियमत: उनके दूसरे सेमेस्टर के परिणामों की घोषणा के साथ प्रदान कर दिया जाए। मोहम्मद खालिद जमाली देश के प्रथम छात्र होंगे जिन्हें नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रदान की गई इस सुविधा का लाभ प्राप्त होगा और लखनऊ विश्वविद्यालय देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय होगा जो इसको प्रदान करेगा।