आगरा। अयोध्या के जगद्गुरु परमहंस आचार्य (Peethadheeshwar Jagadguru Paramhans Acharya) को लेकर मंगलवार को नया विवाद सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार बीते मंगलवार को आगरा के ताजमहल (Taj Mahal) में परमहंस आचार्य (Paramhans Acharya) को प्रवेश नहीं दिया गया। वह अपने तीन दोस्तों के साथ ताज का दीदार करने पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके भगवा कपड़ों (Saffron Clothing) की वजह से सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया।
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एएसआई सुपरिनटेंडेंट ने रखा अपना पक्ष
एएसआई अधीक्षण राजकुमार पटेल (ASI superintendent Rajkumar Patel) ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें इस वजह से रोका, क्योंकि उनके पास ब्रह्मदंड (Cosmos ) था। उनसे यह अपील की गई थी कि वह ब्रह्मदंड के साथ अंदर नहीं जा सकते, इसलिए उसे जमा करा दें। जब वह ताज देखकर वापस आएंगे, तो उन्हें ब्रह्मदंड सौंप दिया जाएगा। लेकिन परमहंस दास ब्रह्मदंड (Cosmos ) के साथ ही एंट्री लेना चाहते थे।
विशेष मजहब को महत्व देने का आरोप
बता दें कि परमहंस आचार्य (Paramhansa Acharya) एक वीडियो वायरल कर आरोप लगाया था कि यहां पर एक विशेष मजहब के लोगों को ही महत्व दिया जाता है। वहीं, उन्होंने फिर यह बात उठाई कि दुनिया को ताजमहल के इतिहास के बारे में गलत बताया गया है। ताजमहल असल में भगवान शिव का मंदिर (Lord Shiva Temple) है, जिसे तेजो महालय (Tejo Mahalaya) नाम से जाना जाता था।
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धार्मिक गतिविधियों पर पाबंदी
बता दें कि ताजमहल परिसर में किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधियों पर सख्त रोक है। केवल शुक्रवार की रोज ताजमहल के अंदर बनी मस्जिद में नमाज अदा की जाती है।