पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से लगतार बड़े वादे किए जा रहे हैं। वहीं, राजद नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी लगातार बड़े वादे कर नीतीश कुमार को घेरने में जुटे हुए हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि, 20 साल से नीतीश कुमार को बिहार के दिव्यांगजन, वृद्धजन एवं विधवा माताओं के कल्याण की सुध लेने की जरूरत ही महसूस नहीं हुई, पर तेजस्वी ने अपने सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाने की घोषणा कर मुख्यमंत्री पर ऐसा दबाव बनाया कि मजबूर होकर नीतीश सरकार को अपना अहंकार त्याग दिव्यांगजन, विधवा एवं विद्धजनों का पेंशन बढ़ाना पड़ा।
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तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, हम निरंतर कह रहे है कि हम NDA सरकार को इतना मजबूर कर देंगे कि नीतीश कुमार हमारे हर वादे, योजना, विजन और सोच की नकल करेंगे। पहले नौकरी रोजगार की बात पर और अब सामाजिक सुरक्षा पेंशन के विषय पर… नीतीश कुमार जी और बीजेपी को बारी-बारी हमारी हर बात की नकल करना पड़ रहा है।
जो मुख्यमंत्री 20 साल से लाख अनुनय, विनय एवं आंदोलन व आलोचना के बावजूद पेंशन नहीं बढ़ा रहे थे उसी सामाजिक सुरक्षा पेंशन को तेजस्वी यादव ने एक बार फिर बढ़ाकर ₹1500 करने की अपनी घोषणा और उसके प्रचार-प्रसार से सरकार को पेंशन बढ़ाने के लिए मजबूर कर दिया।
इसके साथ ही कहा, 20 साल से नीतीश कुमार को बिहार के दिव्यांगजन, वृद्धजन एवं विधवा माताओं के कल्याण की सुध लेने की जरूरत ही महसूस नहीं हुई, पर तेजस्वी ने अपने सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाने की घोषणा कर मुख्यमंत्री पर ऐसा दबाव बनाया कि मजबूर होकर नीतीश सरकार को अपना अहंकार त्याग दिव्यांगजन, विधवा एवं विद्धजनों का पेंशन बढ़ाना पड़ा।
लेकिन फिर भी NDA सरकार व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमारी बराबरी नहीं कर पाए, जहां हमने पेंशन को ₹1500 प्रति माह किए जाने का वादा करने के साथ साथ महंगाई के सूचकांक के अनुसार इसे समय-समय पर बढ़ाते रहने की बात कही, वहीं संवेदनहीन नीतीश कुमार हमारे द्वारा डाले गए दबाव के कारण ही हरकत में आए और केवल ₹1100 पर ही रुक गए।
तेजस्वी यादव ने आगे लिखा, यह सब दिखाता है नीतीश कुमार और एनडीए सरकार का ध्यान केवल चुनाव पर है। बिहार के सभी वृद्धजन, दिव्यांगजन एवं विधवा माताओं को स्पष्ट दिख रहा है की यह केवल और केवल विपक्ष में रहते हमारे बनाए गए दबाव के कारण ही संभव हो पाया। साथ ही आगे कहा, विपक्ष की लोकप्रियता और जनहित की राजनीति से NDA के लोग इतने घबराए हुए हैं कि तेजस्वी यादव की हर बात की नकल करते हैं। विवश होकर ही सही, एक आज्ञाकारी शिष्य की तरह सत्ता पक्ष, विपक्ष की सोच, दूरदृष्टि और राजनीति का अनुसरण और अनुकरण कर रहा है।
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अब सचमुच नीतीश जी थक चुके हैं। अब उनमें कुछ ओरिजिनल करने की ताकत नहीं बची है। अब वह बस तेजस्वी की नकल ही कर सकते हैं। बिहार की जनता असल और नकल का अंतर जानती है। जब हम विपक्ष में रहकर इतना कर और करवा सकते है तो सरकार में आने पर किस गति, दृष्टि, ब्लूप्रिंट और रोडमैप के साथ कार्य करेंगे यह आप सोचिए।