मथुरा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ब्रज क्षेत्र ने मुश्किल से मुश्किल समय में भी देश को संभाले रखा, लेकिन जब देश आजाद हुआ तो जो महत्व इस पवित्र तीर्थ को मिलना चाहिए था वो हुआ नहीं। जो लोग भारत को उसके अतीत से काटना चाहते थे, जो लोग भारत की संस्कृति और उसकी आध्यात्मिक पहचान से विरक्त थे, जो आजादी के बाद भी गुलामी की मानसिकता नहीं त्याग पाए उन्होंने ब्रज भूमि को भी विकास से वंचित रखा। लेकिन अब राम मंदिर की तिथि भी आ गई है। अब वो दिन दूर नहीं जब यहां भगवान कृष्ण के दर्शन और भी दिव्य रूप में होंगे।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को मथुरा पहुंचे, जहां वह कृष्ण की भक्त व कवयित्री मीराबाई की 525वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम ब्रजरज उत्सव-2023 में शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा से नारीशक्ति का पूजन करने वाला देश रहा है। कृष्ण के आगे भी राधा ही लगा है। हमारे देश में महिलाओं ने हमेशा जिम्मेदारियां भी उठाईं और समाज को लगातार मार्गदर्शन भी किया है। मीराबाई जी इसका भी एक प्रखर उदाहरण रही है। मीराबाई एक पथ प्रदर्शक रही हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण और मीराबाई का गुजरात का अलग ही रिश्ता है। मथुरा के कान्हा ने यहां से जाकर गुजरात में द्वारिका बनाई और उनकी महान भक्त मीराबाई ने राजस्थान से आकर अंत समय गुजरात में बिताया था।
पीएम मोदी ने कहा कि यहां पर ब्रज और ब्रजवासियों का दर्शन मिला है। यहां वही आता है जिसे श्रीकृष्ण बुलाते हैं। यह कोई साधारण धरती नहीं है। ब्रज लालजी और लाडली जी के प्रेम का साक्षात अवतार है। ब्रज की रज रज में राधा रानी रमी हुई हैं। कण कण में श्रीकृष्ण समाए हुए हैं। विश्व के सभी तीर्थ यात्रा से जो लाभ मिलता है। यहां आने पर सब मिल जाता है। उन्होंने ब्रज तीर्थ विकास परिषद की स्थापना पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब मथुरा और ब्रज विकास की दौड़ में पीछे नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि संतों ने कहा है कि वृंदावन सा वन नहीं, नंदगांव जैसा गांव नहीं और वंशी वट जैसा कहीं वट नहीं।
पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात के लोगों को ब्रज में आने का सौभाग्य मिलता है तो उसे द्वारिकाधीश की कृपा मानते हैं। मुझे तो मां गंगा ने बुलाया और 2014 से आकर आपके बीच बस गया। इस महोत्सव में संत मीराबाई के नाम पर सिक्का और टिकट जारी करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। 84 कोस का ये ब्रज मंडल यूपी और राजस्थान को जोड़कर बनता है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत राधे-राधे से करते हुए कहा सबसे पहले क्षमा चाहता हूं कि चुनाव में था, मेरा सौभाग्य है कि आज ब्रज के दर्शन का अवसर मिला।