गुजरात के सूरत से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पांचवी कक्षा का एक छात्र मंदिर में दर्शन के लिए डुमस समुद्र तट पर गया था। लखन नाम का यह बच्चा गणेश मूर्तियों का विसर्जन को देखने के लिए समुद्र गया था। गहरे पानी तक चला गया था।
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बच्चे के परिवार के लोग उसे अगले दिन तक ढूढते रहे, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। परिवार के लोगों ने मान लिया कि उनका बच्चा अब इस दुनिया में नहीं रहा। पर उन्हें क्या पता था यहां एक जाको राखे साइयां…मार सके न कोई….एक चमत्कार हुआ और बच्चा जिंदा घर लौट आया।
समुद्र में विसर्जित की गई मूर्तियों में से किसी एक मूर्ति के सहारे वह मासूम 24 घंटे तक जीवित रहा। तट से 18 नॉटिकल माइल्स की दूरी वह समुद्र में लहरा रहा था। तभी वहीं से एक मछली पकड़ने वाली नाव वहां से गुजरी। लखन ने आवाज लगाई और हाथ हिलाया जिसे देखकर मछुवारे तुरंत वहां पहुंचे।
उन्होंने लखन को नाव में बैठा कर बाहर निकाला। लाखन को नवसारी के धोआली बंदरगाह पर लाया गया। तट पर पहुंचने से पहले पुलिस को सूचना दी गई। नाव के पहुंचने से पहले वहां एंबुलेंस पहुंच गई थी।
पुलिस के अनुसार 14 साल का लखन 36 घंटे बाद परिवार से मिला। परिवार को जब इसकी सूचना दी गई तो परिवार शोक में डूब गया।लेकिन जैसे ही अपने बच्चे को जिंदा देखा लोगो की जान में जान आ गई। बच्चे को नवसारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में बच्चे को देखने के लिए भीड़ जुट गई।