HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. Earthquake : नए साल पर गुजरात के कच्छ में महसूस किए गए भूकंप के झटके, 24 साल पहले ऐसी आई थी तबाही

Earthquake : नए साल पर गुजरात के कच्छ में महसूस किए गए भूकंप के झटके, 24 साल पहले ऐसी आई थी तबाही

नए साल 2025 पर बुधवार को गुजरात (Gujarat) के कच्छ (Kutch) में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप अनुसंधान संस्थान (ISR) ने बताया कि बुधवार सुबह गुजरात (Gujarat) के कच्छ जिले (Kutch District) में 3.2 तीव्रता का भूकंप आया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

अहमदाबाद। नए साल 2025 पर बुधवार को गुजरात (Gujarat) के कच्छ (Kutch) में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप अनुसंधान संस्थान (ISR) ने बताया कि बुधवार सुबह गुजरात (Gujarat) के कच्छ जिले (Kutch District) में 3.2 तीव्रता का भूकंप आया है। जिला प्रशासन ने बताया कि किसी के हताहत होने या संपत्ति को नुकसान पहुंचने की कोई खबर नहीं है। गांधीनगर स्थित ISR के अनुसार, भूकंप सुबह 10.24 बजे दर्ज किया गया, जिसका केंद्र भचाऊ से 23 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पूर्व में स्थित था।

पढ़ें :- Tibet Earthquake Visuals: तिब्बत में 6.8 तीव्रता के तेज भूकंप ने मचायी भीषण तबाही, रोंगटे खड़े करनी वाली तस्वीरें आयी सामने

पिछले महीने तीन से अधिक तीव्रता के चार भूकंप आए

पिछले महीने इस क्षेत्र में तीन से अधिक तीव्रता की चार भूकंपीय गतिविधियां दर्ज की गईं, जिनमें तीन दिन पहले आया 3.2 तीव्रता का भूकंप भी शामिल है, जिसका केंद्र भी भचाऊ के निकट था। 23 दिसंबर को जिले में 3.7 तीव्रता का भूकंप आया था और सात दिसंबर को 3.2 तीव्रता का भूकंप आया था। पिछले साल 18 नवंबर को कच्छ में चार तीव्रता का भूकंप आया था। इससे पहले 15 नवंबर को उत्तर गुजरात के पाटण में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था।

उच्च जोखिम वाला संवेदनशील क्षेत्र

गुजरात भूकंप के लिहाज से उच्च जोखिम वाले संवेदनशील क्षेत्र में आता है। गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीएसडीएमए) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 200 वर्षों में गुजरात में नौ बड़े भूकंप आए।

पढ़ें :- Earthquake: तिब्बत में 7.1 तीव्रता का जोरदार भूकंप; 50 की मौत और 60 घायल, बिहार में भी महसूस किए गए झटके

26 जनवरी 2001 को मची थी तबाही
जीएसडीएमए के अनुसार, 26 जनवरी 2001 को कच्छ में आया भूकंप पिछली दो सदी में भारत में आया तीसरा सबसे बड़ा तथा दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप था। भूकंप में जिले के कई कस्बे और गांव लगभग पूरी तरह तबाह हो गए थे, जिसमें लगभग 13,800 लोग मारे गए थे और 1.67 लाख अन्य घायल हुए थे।

जानें क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

पढ़ें :- सूरत में कचरे में आग सेंक रही तीन मासूम बच्चियों की जहरीले धुएं से मौत

कैसे मापा जाता है भूकंप की तीव्रता और मापने क्या है का पैमाना?

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...