लखनऊ। सुभाषपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने निषाद पार्टी के सुप्रीमो संजय निषाद पर सीधा निशाना साधा है। ओमप्रकाश राजभर ने संजय निषाद पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वो अपने समाज के लोगो को ठग रहे हैं। आज लखनऊ के रामाबाई अम्बेडकर मैदान में भाजपा(BJP) के सहयोगी दल निषाद पार्टी ने बड़े रैली का आयोजन किया। जिसमे मुख्य अतिथि के तौर पर गृहमंत्री अमित शाह ने शिरकत की। मंच पर मौजूद नेताओं में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ साथ निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद(Sanjay Nishad) भी मौजूद रहे।
पढ़ें :- योगी के मंत्री मनोहर लाल के काफिले पर अटैक, सुरक्षाकर्मी और स्टाफ को पीटा, पिस्टल भी लूटी
डॉ.संजय निषाद जी ने निषाद,बिंद,केवट, मल्लाह,मझवार,कश्यप समाज को रैली में झूठ बोलकर बुलाया कहा था आरक्षण की घोषणा होगी,लेकिन डबल इंजन की भाजपा सरकार होने के बाद भी मछुआरा समाज को आरक्षण की घोषणा नहीं हुआ,जुमलेबाज श्री अमित शाह जी ने मछुआरा समाज को धोखा देकर जुमला बोलकर चले गए। pic.twitter.com/xE2MtY90Hg
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) December 17, 2021
भाजपा के पूर्व सहयोगी रहे ओमप्रकाश(Omprakash Rajbhar) ने ट्वीट कर लिखा कि डॉ संजय निषाद जी ने निषाद,बिंद,केवट,मल्लाह,मझवार और कश्यप समाज के लोगो को रैली में झूठ बोलकर बुलाया था। उन्होंने अपने समाज के लोगो को कहा था कि रैली में आरक्षण की घोषणा होगी। लेकिन ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई। डबल इंजन की भाजपा सरकार होने के बाद भी मछुआरा समाज को आरक्षण देने की कोई बात नहीं हुई। इतना ही नहीं ओमप्रकाश ने अमित शाह(Amit Shah) को भी आड़े हांथों लिया।
पढ़ें :- Jhansi Medical College Fire Accident : अखिलेश यादव ,बोले - ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही, ख़राब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का मामला
राजभर ने ट्वीट में लिखा कि जुमलेबाज अमित शाह जी ने मछुआरा समाज को सिर्फ जुमला सुनाया है। समाज को आरक्षण के नाम पर जुमला सुना कर के चले गये। आपको बता दें कि पिछले उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सहयोगी रहे ओमप्रकाश राजभर इस बार सपा के साथ अगामी चुनावी मैदान में नजर आयेंगे। सपा(SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) की पूरे राज्य में चल रही विजय रथ यात्रा के दौरान ओमप्रकाश उनके साथ हर चरण में नजर आ रहे हैं। ये देखना दिलचस्प होगा कि ओमप्रकाश के साथ आने से क्या सपा 2012 वाले करिश्में को दोहरा पायेगी।